बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े ने कहा था कि पूरा स्वतंत्रता संघर्ष अंग्रेजों की सहमति और मदद से अंजाम दिया गया।’ हेगड़े ने कहा, ‘इन कथित नेताओं में से किसी नेता को पुलिस ने एक बार भी नहीं पीटा था। उनका स्वतंत्रता संघर्ष एक बड़ा ड्रामा था।’
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक से बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर मंगलवार को लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस महात्मा गांधी को पूरी दुनिया पिता समान मानती है, बीजेपी के अनंत हेगडे ने उनका अपमान किया है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘आज ये महात्मा गांधी को गाली देते हैं। ये रावण के औलाद हैं, राम के पुजारी का ये अपमान कर रहे हैं।’ हालांकि इस शब्द को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया।
बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े ने कहा था कि पूरा स्वतंत्रता संघर्ष अंग्रेजों की सहमति और मदद से अंजाम दिया गया।’ हेगड़े ने कहा, ‘इन कथित नेताओं में से किसी नेता को पुलिस ने एक बार भी नहीं पीटा था। उनका स्वतंत्रता संघर्ष एक बड़ा ड्रामा था।’
बीजेपी सांसद ने कहा कि पता नहीं लोग कैसे ‘इस तरह के लोगों को’ भारत में ‘महात्मा’ कहा जाता है। हेगड़े ने कहा, ‘स्वतंत्रता संघर्ष को इन नेताओं ने ब्रिटिश लोगों की सहमति से रंगमंच पर उतारा था। यह वास्तविक संघष नहीं था। यह मिलीभगत से हुआ स्वतंत्रता संघर्ष था।’ बीजेपी नेता ने महात्मा गांधी के भूख हड़ताल और सत्याग्रह को एक ‘ड्रामा’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का समर्थन करने वाले लोग लागातार यह कहते रहते हैं कि भूख हड़ताल और सत्याग्रह की वजह से भारत को आजादी मिली। यह सत्य नहीं है। अंग्रेज सत्याग्रह की वजह से भारत से नहीं गए। अंग्रेजों ने निराशा में आकर हमें आजादी दी। जब मैं इतिहास पढ़ता हूं तो मेरा खून खौल उठता है। इस तरह से लोग हमारे देश में महात्मा बन गए।’
उधर, आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में निर्भया गैंग रेप के दोषियों को तत्काल फांसी पर लटकाने की मांग की। संजय सिंह ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करता हूं कि वह निर्भया गैंगरेप के दोषियों को मिली फांसी की सजा को तत्काल अंजाम तक पहुंचाने में हस्तक्षेप करें। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दोषियों की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में खारिज कर दिया। जेल प्रशासन को दोषियों को सूचित करने की प्रक्रिया को पूरा करने में एक साल से अधिक का समय लगा। यह देरी राज्य सरकार की वजह से हुई है।
इससे पहले विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) के खिलाफ नारे लगाए।