अनिल अंबानी ने कोर्ट में कहा है कि मेरी शेयरहोल्डिंग का वर्तमान मूल्य लगभग 8.24 करोड़ डॉलर है और मेरी देनदारियों को ध्यान में रखते हुए मेरी संपत्ति शून्य है। यानी मेरे पास कोई सार्थक संपत्ति नहीं है जिन्हें बेच कर इस लोन की अदायगी की जा सके।नई दिल्ली : पूर्व अरबपति कारोबारी अनिल अंबानी, जो एक समय दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति थे, ने यूके की एक कोर्ट में कहा है कि उनकी संपत्ति ‘शून्य’ है। उन्होंने कोर्ट के सामने माना कि वे दिवालिया हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के खिलाफ चीन के तीन बैंकों ने यूके की एक अदालत में 70 करोड़ डॉलर यानी 5000 करोड़ रुपये से अधिक के लिए मुकदमा किया हुआ है। इन बैंकों में इंडस्ट्रियल ऐंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना शामिल हैं। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने चीन के बैंकों का लोन चुकाने में असमर्थता जताते हुए कहा है कि उनकी संपत्ति जीरो है और उनके पास इतनी संपत्ति नहीं है।
अनिल अंबानी पर इन बैंकों का लोन करीब 4860 करोड़ रुपये का है। ब्याज सहित कुल राशि 5000 करोड़ रुपये से अधिक है। इन बैंकों ने फरवरी 2012 में अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस को ये लोन दिया था, जो इस समय दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है। बैंकों का दावा है कि लोन के लिए अनिल अंबानी ने पर्सनल गारंटी दी थी, मगर अनिल अंबानी इस दावे से इंकार कर रहे हैं। दिसंबर 2019 में अंबानी अपने खिलाफ एक फैसले से बाल-बाल बचे थे। तब जस्टिस वैक्समैन ने कहा था कि सबूत पूरे नहीं हैं।
अनिल अंबानी ने कोर्ट में कहा है कि मेरी शेयरहोल्डिंग का वर्तमान मूल्य लगभग 8.24 करोड़ डॉलर है और मेरी देनदारियों को ध्यान में रखते हुए मेरी संपत्ति शून्य है। यानी मेरे पास कोई सार्थक संपत्ति नहीं है जिन्हें बेच कर इस लोन की अदायगी की जा सके। इस बीच अनिल अंबानी के एक प्रवक्ता ने कह वे यूके कोर्ट के आदेश की समीक्षा कर रहे हैं और आगे के उपायों के लिए कानूनी सलाह लेंगे। अंबानी के वकील ने कहा कि न्यायाधीश को उन्हें अदालत के खाते में 65.6 करोड़ डॉलर जमा करने का आदेश नहीं देना चाहिए क्योंकि वह ऐसा करने की स्थिति में नहीं हैं।