कोर्ट ने कहा कि विरोध ऐसा हो जिससे दूसरों को परेशानी न हो। सार्वजनिक सड़क को ब्लॉक करना सही नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन के खिलाफ पिछले 57 दिन से जारी शाहीन बाग में प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है, सर्वोच्च अदालत ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने इस बारे में पुलिस और सरकार को नोटिस भेजा है और उनसे एक हफ्ते में जवाब मांगा, इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी
कोर्ट ने कहा कि विरोध ऐसा हो जिससे दूसरों को परेशानी न हो। सार्वजनिक सड़क को ब्लॉक करना सही नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई दिल्ली चुनाव की वजह से टाल दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में शनिवार को मतदान को प्रभावित नहीं करना चाहता। तब न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था कि हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए। हम सोमवार को इस पर सुनवाई करेंगे। तब हम बेहतर स्थिति में होंगे।
पीठ ने तब याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए।
बता दें कि भाजपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट से शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील की थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को हटाने संबंधी भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग की याचिका पर सुनवाई की तारीख जानने के लिए संबद्ध अधिकारी के पास जाने को कहा था।
भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग ने अदालत से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले अहम मार्ग पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से लोगों को आ रही समस्या पर गौर करते हुए अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि आप याचिका का उल्लेख करने वाले अधिकारी के पास जाएं।
इसके साथ ही 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शन के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में काफी परेशानी आ रही है। बच्चों की इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि कालिंदी कुंज-शाहीन बाग का जो रास्ता बंद है, पुलिस उस पर ध्यान देकर एक्शन ले ताकि छात्रों को परेशानी न हो। जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिया था कि सरिता विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बातों पर गौर करे और उसका समाधान करें।
विडियो बीबीसी