भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ FIR वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम नहीं चाहते लोग मरें… हम शांति चाहते हैं उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने वाले नफरती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर 4 मार्च को सुनवाई करने का निर्णय किया। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ दंगा पीड़ितों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हुई। दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने इस याचिका का उल्लेख तत्काल सुनवाई के लिए किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा को लेकर पीड़ितों की ओर से दायर एक याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस याचिका में कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और अन्य पर कथित तौर पर दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
सुनवाई में चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एस.ए. बोबडे ने कहा कि ‘कोर्ट भी शांति चाहता है मगर उसे पता है कि उसके काम करने की भी कुछ सीमाएं हैं. इसमें यह तथ्य भी है कि कोर्ट तभी आदेश दे सकता है, जब कोई घटना हो चुकी हो।
यह याचिका दिल्ली हिंसा के पीड़ितों की ओर से डाली गई है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंज़ाल्वेज़ ने अदालत से क़ानून के हिसाब से दख़ल देने की अपील की. कोर्ट चार मार्च को सुनवाई करेगा ।
गोन्जाल्विस ने कहा कि हाल में हुई हिंसा के चलते लोगों के मरने की खबर आना बदस्तूर जारी रहने के बावजूद दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है। बोबड़े ने कहा कि हम रोज अखबार पढ़ते हैं जिसमें हमपर आरोप लगते हैं। हमपर बहुत दवाब होता है। हम नहीं चाहते कि लोग मरें… हम शांति चाहते हैं। लेकिन कोर्ट कभी भी इस तरह की हिंसा को नहीं रोक सका है। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने के मामले में दो बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली याचिका पर दिल्ली की अदालत ने 23 अप्रैल तक सुनवाई टाल दी है।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दिल्ली दंगा पीड़ितों ने याचिका दाखिल की। इस याचिका को दाखिल करने वाले वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की जिस पर सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया। आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई चार हफ्तों के लिए टाल दी थी।
वहीं माकपा नेता वृंदा करात ने बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उनके कथित नफरत भरे भाषणों की शिकायत की थी। उधर दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने की वजह से विपक्ष के निशाने पर आए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक दंगे फैलाने में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हिंसा में करीब 40 लोगों की मौत हुई है।