क्राइम ब्रांच की डीएसपी अदिति भवसार ने बताया कि आरोपी गायत्री सिंह रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर नहीं है। उसके पास बैचलर ऑफ युनानी मेडिसिन ऐंड सर्जरी की डिग्री है। वह सिर्फ सेक्स रैकेट ही नहीं चलाती बल्कि कथित तौर पर सेक्स वर्कर भी है। उन्होंने बताया कि शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में दो साल से यह रैकेट चल रहा था लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी। डीएसपी ने कहा कि क्लिनिक हर रोज दोपहर को खुलता है और रात तक चलता रहता है।
भोपाल. प्रदेश की राजधानी की क्राइम ब्रांच ने क्लीनिक की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। आरोपी गुप्त रोगों की दुकान और क्लीनिक की आड़ में सेक्स रैकेट चला रहे थे, क्लीनिक का संचालन भी बगैर रजिस्ट्रेशन के हो रहा था। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 4 महिलाओं समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों का सरगना तृणमूल कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष सचिन चौहान बताया जा रहा है, जो भोपाल के बरखेड़ी इलाके में क्लीनिक की आड़ में सेक्स रैकेट चला रहा था।
जानकारी पुख्ता हो जाने के बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी सचिन चौहान द्वारा चलाए जा रहे सेक्स रैकेट पर छापा मारा। गिरफ्तार लोगों में सचिन चौहान के अलावा बाड़ी बरेली का पूर्व सरपंच इरफान खान भी शामिल है। क्राइम ब्रांच पुलिस ने जब बरखेड़ी इलाके में एक क्लीनिक में छापा मारा तो सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ। यहां फर्जी तरीके से बिना लाइसेंस के क्लीनिक का संचालन भी हो रहा था। इसी क्लीनिक की आड़ में सेक्स रैकेट चल रहा था।
डीएसपी ने बताया कि डीजीपी वीके सिंह को हाल ही में एक खुफिया सूचना मिली थी कि क्लिनिक में सेक्स रैकेट चलता है। इसके बाद शिकायत को क्राइम ब्रांच को फॉरवर्ड कर दिया गया। इसके बाद से क्लिनिक की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाने लगी। संदेह होने के बाद एक महिला कॉन्स्टेबल को क्लिनिक में आरोपों की सच्चाई जानने के लिए भेजा गया। कॉन्स्टेबल ने काम की जरूरत बताकर आरोपी महिला गायत्री से संपर्क किया। गायत्री कॉन्स्टेबल को काम देने के लिए तैयार हो गई।
कॉन्स्टेबल ने इसके बाद पुलिस टीम को अलर्ट कर दिया। पुलिस की टीम ने इसके बाद क्लिनिक में छापा मारकर 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें 6 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल हैं। मुख्य आरोपी गायत्री अशोका गार्डेन की रहने वाली है। उसने पुलिस को बताया कि उसके पति भी डॉक्टर थे और उन्होंने ही साल 1996 में यह क्लिनिक किराये पर लिया था। उनकी साल 2000 में मौत हो गई और उसके बाद से वह क्लिनिक चला रही है। सिंह ने यह भी कबूल किया कि वह पिछले दो साल से यह रैकेट चला रही है।