प्रश्नकाल के दौरान सत्ता और विपक्ष की महिला सदस्य हाथों में पोस्टर लिए वेल तक पहुंच गईं। एक महिला विधायक ने कहा कि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हमें अपने विचार रखने का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि उस दिन रविवार है। सदन होली के बाद खुलेगा।पटना : संसद और विधानसभा में आरक्षण की मांग को लेकर बिहार की महिला विधायकों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। अपनी मांग को लेकर ये महिला विधायक बिहार विधानसभा के वेल तक पहुंच गईं।
प्रश्नकाल के दौरान सत्ता और विपक्ष की महिला सदस्य हाथों में पोस्टर लिए वेल तक पहुंच गईं। एक महिला विधायक ने कहा कि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हमें अपने विचार रखने का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि उस दिन रविवार है। सदन होली के बाद खुलेगा।
महिला विधायकों ने कहा कि 08 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। लेकिन उस दिन रविवार है। शनिवार को भी सदन की बैठक नहीं होगी। इसके बाद विधानसभा होली के बाद खुलेगी। इस वजह से वह इस मांग को शुक्रवार को उठा रही हैं। महिला आरक्षण की मांग वर्षों से लंबित है, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जेडीयू की रंजू गीता महिला आरक्षण के पक्ष में नारे लगाते हुए सदन के बीच में भी आ गई।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के आश्वासन देने के बाद ये महिला विधायक अपनी-अपनी सीट पर चली गईं। उन्होंने विधायकों को भरोसा दिया कि इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा। चौधरी ने कहा, ‘पार्टी लाइन से इतर महिला विधायकों ने इस मुद्दे पर अपनी एकता दिखाई है। सदन की सर्वसम्मति से मैं सभी महिला सदस्यों को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’
इसके अलावा आरजेडी सदस्य ललित कुमार यादव ने प्रदेश में ईसीजी सुविधा को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने सदन को बताया कि 38 जिला अस्पतालों में से आठ में यह सुविधा नहीं है क्योंकि यहां इन मशीनों के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है।