वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में लैबॉरेटरी वर्कर ही ‘पेशेंट जीरो’ था और उसकी वजह से वुहान में वायरस फैला था। कहा जा रहा है कि सरकार के लिए इस घटना को छिपाना सबसे महंगा साबित हुआ। बुधवार को फॉक्स न्यूज के जॉन रॉबर्ट्स ने इस असाधारण दावे के बारे में ट्रंप से सवाल किया। ट्रंप ने इस पर जवाब दिया, ‘रोजाना कई बातें सुनने को मिल रही हैं।’ ट्रंप ने कहा कि डरावनी घटना जो घट चुकी है उसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। फॉक्स न्यूज ने कई डॉक्यूमेंट्स और अलग-अलग सूत्रों के हवाले से यह बात कही है।
वॉशिंगटन: चीन एक बार फिर से कोरोना वायरस के साथ अमेरिका के निशाने पर है। अमेरिका मीडिया, वॉल स्ट्रीट जनरल और फॉक्स न्यूज की तरफ से ऐसे दावे किए गए हैं जिनमें इस तरह की बातें कही गई हैं। फॉक्स न्यूज को कई सूत्रों से इस बात की जानकारी दी गई है कि वुहान की लैब में वायरस के तैयार किया गया है। मगर इसका मकसद कोई बायो-वेपन तैयार करना नहीं था। बल्कि यह साबित करना था कि चीन, संक्रामक रोगों से लड़ने में अमेरिका से कहीं ज्यादा सक्षम है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को इन तथ्यों की जांच कराने की बात कही है।
फॉक्स न्यूज की तरफ से कहा गया है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में लैबॉरेटरी वर्कर ही ‘पेशेंट जीरो’ था और उसकी वजह से वुहान में वायरस फैला था। कहा जा रहा है कि सरकार के लिए इस घटना को छिपाना सबसे महंगा साबित हुआ। बुधवार को फॉक्स न्यूज के जॉन रॉबर्ट्स ने इस असाधारण दावे के बारे में ट्रंप से सवाल किया। ट्रंप ने इस पर जवाब दिया, ‘रोजाना कई बातें सुनने को मिल रही हैं।’ ट्रंप ने कहा कि डरावनी घटना जो घट चुकी है उसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। फॉक्स न्यूज ने कई डॉक्यूमेंट्स और अलग-अलग सूत्रों के हवाले से यह बात कही है।
फॉक्स न्यूज का कहना है कि वुहान की उस वेट मार्केट में चमगादड़ नहीं बिता है मगर बार-बार उसे दोष दिश गया। जब वायरस को फैलने से रोकने की सारी कोशिशें फेल हो गईं तो चीन की कम्युनिस्ट सरकार को दोष से बचाने के लिए वेट मार्केट का नाम लिया गया। ट्रंप ने कहा है कि वह बार-बार यही सुन रहे हैं कि चीन, कोविड-19 के निर्माण में शामिल रहा है। अमेरिका ने शुरुआत में चीन की मदद एक प्रोग्राम के जरिए की थी जिसे ‘प्रिवेंट’ नाम दिया गया था।
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि जनवरी 2018 में बीजिंग स्थित अमेरिकी दूतावास की तरफ से आधिकारिक वॉर्निंग व्हाइट हाउस को भेजी गई थीं। इसमें कहा गया था कि वुहान की लैब में जरूरी सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं जहां पर वैज्ञानिक चमगादड़ों से निकलने वाले खतरनाक कोरोना वायरस पर रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने यहां पर सुरक्षा और प्रबंधन की कमजोरियों के बारे में बात की थी। साथ ही ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मांग की थी क्योंकि चीन ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया था कि उसके वैज्ञानिक स्वतंत्र तौर पर अपनी क्षमता को साबित करेंगे।
अमेरिका के ज्वॉइन्ट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले ने फॉक्स न्यूज से कहा है कि इस बात को जानकर हैरान नहीं होना चाहिए कि लैब वाले तथ्यों में अमेरिका ने खासी रूचि दिखाई है और इससे जुड़ी काफी इंटेलीजेंस हमारे पास है। वुहान लैब के अधिकारियों ने इन आरोपो को मानने से इनकार कर दिया कि कोरोना वायरस उनकी लैब से निकला है। अधिकारियों ने इस पूरी थ्योरी को बकवास मानते हुए खारिज कर दिया है।