नकवी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में तमाम राज्य वक्फ बोर्डों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान कोरोना के कहर के चलते लागू लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे।
मोदी सरकार के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत मुस्लिमों के लिए स्वर्ग है और उनके अधिकार इस देश में पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मोदी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने इस्लामिक देशों के समूह के कमेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही।
नकवी ने कहा कि “सेकुलरिज्म और सौहार्द” भारत और भारतवासियों के लिए “पॉलिटिकल फैशन” नहीं बल्कि “परफेक्ट पैशन” (जुनून-जज़्बा) है। इसी समावेशी संस्कार और पुख्ता प्रतिबद्धता ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अनेकता में एकता के सूत्र में बांध रखा है।
आज यहाँ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों सहित देश के सभी नागरिकों के संवैधानिक, सामाजिक, धार्मिक अधिकार भारत की संवैधानिक एवं नैतिक गारंटी है। किसी भी हालत में हमारी “अनेकता में एकता” की ताकत कमजोर नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, “ट्रेडिशनल-प्रोफेशनल बोगस बैशिंग ब्रिगेड” दुष्प्रचार की साजिश में अभी भी सक्रिय हैं और हमें सतर्क-एकजुट होकर ऐसी ताकतों के दुष्प्रचार को परास्त करना है।
नकवी ने कहा कि फेक न्यूज़ एवं भड़काऊ बातों और अफवाह फ़ैलाने वाले साजिश- षड्यंत्र से हमें होशियार रहना चाहिए।इस तरह की साजिश-षड़यंत्र से कोरोना के खिलाफ देश कीसामूहिक जंग को कमजोर नहीं होने देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर धर्म-क्षेत्र-जाति की संकीर्ण सीमाओं से ऊपर उठ कर कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है
केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि देश के सभी मुस्लिम धर्मगुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त रूप से 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने में घरों पर ही रह कर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना के कहर के कारण रमजान के पवित्र महीने में धार्मिक, सार्वजनिक, व्यक्तिगत स्थलों पर लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंसिंग का प्रभावी ढंग से पालन करने एवं लोगों को पर ही रहकर इबादत आदि के लिए जागरूक करने को देश के 30 से ज्यादा राज्य वक्फ बोर्डों ने मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, मुस्लिम समाज एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया है। पूरा देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।
ज्ञात हो कि पिछले हफ्ते नकवी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में तमाम राज्य वक्फ बोर्डों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान कोरोना के कहर के चलते लागू लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे।
इसके अलावा नकवी लगातार देश के विभिन्न मुस्लिम धर्म गुरुओं, धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क-संवाद कर रहे हैं।
देश के विभिन्न वक्फ बोर्डों के अंतर्गत 7 लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें, ईदगाह, दरगाह, इमामबाड़े एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थल हैं। सेंट्रल वक्क कौंसिल, राज्यों के वक्फ बोर्डों की रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) है।
नकवी ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमें स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षा बलों, प्रशासनिक अधिकारियों, सफाईकर्मचारियों से सहयोग करना चाहिए, वे अपनी जान हथेली में लेकर हमारे स्वास्थ्य-सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं। क्वारंटाइन, आइसोलेशन सेंटरों कोलेकर फैलाई जा रही अफवाहों को भी हमें ध्वस्त करना चाहिए, लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए कि ऐसे केंद्र; लोगों, उनके परिवार और समाज को किसी भी तरह के संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के मद्देनजर देश के सभी मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थलों पर भीड़-भाड़वाली सभी धार्मिक-सामाजिक गतिविधियां रुकी हुई है। इसी तरह सभी मस्जिदों एवं अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर किसी भी तरह की भीड़भाड़वाली धार्मिक गतिविधि नहीं हो रही है। दुनिया के अधिकांश मुस्लिम राष्ट्रों ने भी रमजान में मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर भीड़भाड़ वाली गतिविधियों पर रोक लगा रखी है एवं नमाज, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्त्तव्य घरों पर ही रहकर पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं।