गहलोत ने मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार गिरने का जिक्र करते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया वायरस से जूझ रही थी, तो बीजेपी मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराने में व्यस्त थी।
राजस्थान में कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का नाम लेते हुए कहा कि पीएम और अमित शाह देश के लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं।
गहलोत ने बीजेपी पर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे वक्त में जब देश कोरोनावायरस से जूझ रहा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह मिलकर लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।
गहलोत ने शुक्रवार को अपने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और दूसरे कांग्रेस नेताओं के साथ जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा, ‘इस वक्त हमें यह तय करना है कि कौन दर्द बांट रहा है और कौन दवा।’
गहलोत ने मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार गिरने का जिक्र करते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया वायरस से जूझ रही थी, तो बीजेपी मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराने में व्यस्त थी।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस चीफ सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी के पास सीटें जीतने के लिए पूरे नंबर हैं और कोई भी विधायक पार्टी छोड़कर नहीं जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा चुनावों में सीटें जीतने के लिए हमारे पास आंकड़ें हैं। हमारे पास निर्दलीय विधायकों का सपोर्ट है। हमारी जीत को लेकर कोई अनुमान लगाने की कोई जरूरत नहीं है। सभी विधायक हमारे साथ हैं।’
19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनावों के पहले अशोक गहलोत लगातार बीजेपी पर अपनी सरकार अस्थिर करने और विधायकों के खरीदफरोख्त के आरोप लगा रहे हैं।
बुधवार को उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर राज्यसभा चुनाव टाले थे, ताकि उन्हें विधायक इधर-उधर करने का मौका मिल जाए।
गहलोत ने आशंका जताई थी कि गुजरात और राजस्थान में राज्यसभा के चुनावों में इरादतन दो माह की देरी की गई क्योंकि वे ‘खरीद-फरोख्त’ पूरी नहीं नहीं कर पाए थे।
विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका के चलते कांग्रेस ने बुधवार को राजस्थान के अपने विधायकों को एक रिसॉर्ट में पहुंचाया है।
समाचार एजेंसी ANI ने सीएम गहलोत के हवाले से कहा, ‘चुनाव (राज्यसभा) यहां है। इसे दो महीने पहले कराया जा सकता था, लेकिन उन्होंने गुजरात और राजस्थान में ‘खरीद और बिक्री’ को पूरा नहीं किया था, इसलिए उन्होंने इसमें देरी की। चुनाव अब होने जा रहे हैं और स्थिति जस की तस है।’