भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा इस वीडियो के जरिए जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई है। इस मामले पर भोपाल डीआईजी श्री इरशाद वली ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को एडिट कर छवि खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले को गंभीरता से लिया गया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सोशल मीडिया पर एक एडिट किया हुआ वीडियो बीते कुछ दिनों से वायरल हो रहा था।
इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा किया था। इसे 11 लोगों ने रीट्वीट किया है। इसे लेकर शिवराज अब सख्त हो गए हैं। उन्होंने रविवार को चेतावनी दी थी कि इसे साझा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिवराज ने विपक्ष में रहते हुए 12 जनवरी 2020 को तत्कालीन कमलनाथ सरकार की शराब नीति पर बोलते हुए दो मिनट 19 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया था।
आरोप है कि उस वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके नौ सेकंड का एक वीडियो तैयार किया गया है। इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में कथित तौर पर मुख्यमंत्री को यह कहते हुए दिखाया गया है कि ‘दारू इतनी फैला दो कि पीएं और पड़े रहें’।
वीडियो के वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने इसे साझा करने वाले लोगों को कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो भी इस वीडियो को शेयर करेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने इसे अपने ट्विटर अकाउंट से साझा किया था।
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर वायरल वीडियो को अपने ट्विटर से साझा किया था। इसे 11 लोगों ने रीट्वीट किया था। विवाद बढ़ने पर दिग्विजय ने इसे डिलीट कर दिया है।
भोपाल क्राइम ब्रांच ने भाजपा की शिकायत पर दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही वीडियो को रीट्वीट करने वाले अन्य 11 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद भाजपा विधायक विश्वास सारंग और अन्य नेताओं ने क्राइम ब्रांच में जाकर दिग्विजय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा इस वीडियो के जरिए जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई है।
इस मामले पर भोपाल डीआईजी श्री इरशाद वली ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को एडिट कर छवि खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले को गंभीरता से लिया गया है।
उन्होंने कहा कि मामले में साइबर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।
चौहान के एजेंटों द्वारा बुधनी के आदिवासियों को 4.50 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया और उनके कार्यकाल में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। मैंने उन्हें पत्र लिखा था कि अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो मैं उनके आवास पर विरोध प्रदर्शन करूंगा। इसने भाजपा को परेशान कर दिया। इसकी जांच की जानी चाहिए कि वीडियो को किसने संपादित किया था।