राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उन्होंने लिखा देश हित से ऊपर कुछ नहीं है। देश की सरकार का ये कर्तव्य है कि वो इसकी रक्षा करे। ऐसे में नंबर एक-सीमा पर यथास्थिति को लेकर दबाव क्यों नहीं डाला गया है? दूसरा- हमारे क्षेत्र में निहत्थे 20 जवानों की हत्या को चीन को सही कैसे ठहराने दिया जा रहा है?
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर भारत सरकार से कुछ सवाल किए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की चीन के विदेश मंत्री से बातचीत और चीनी सेना के सीमा पर पीछे हटने की खबरों को लेकर आज सुबह ट्वीट किया है। राहुल ने चीन और भारत की ओर से सीमा की स्थिति को लेकर जारी बयानों को शेयर करते हुए तीन सवालों के दवाब मोदी सरकार से मांगे हैं।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उन्होंने लिखा देश हित से ऊपर कुछ नहीं है। देश की सरकार का ये कर्तव्य है कि वो इसकी रक्षा करे। ऐसे में नंबर एक-सीमा पर यथास्थिति को लेकर दबाव क्यों नहीं डाला गया है? दूसरा- हमारे क्षेत्र में निहत्थे 20 जवानों की हत्या को चीन को सही कैसे ठहराने दिया जा रहा है? तीसरा- गलवान घाटी में हमारी क्षेत्रीय संप्रभुता का जिक्र क्यों नहीं है? बता दें कि 15 जून को चीनी सेना ने एक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद कर दिया था।
National interest is paramount. GOI’s duty is to protect it.
Then,
1. Why has Status Quo Ante not been insisted on?
2. Why is China allowed to justify the murder of 20 unarmed jawans in our territory?
3. Why is there no mention of the territorial sovereignty of Galwan valley? pic.twitter.com/tlxhl6IG5B— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2020
भारत और चीन के बीच काफी समय से चल रहे तनाव के बीच सोमवार को जानकारी सामने आई थी कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर लंबी बातचीत की है। जिसके बाद लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी ) से दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी है और चीन अपनी सेना को वापस बुला रहा है।
वहीं चीन की सेना के पीछे जाने की खबर के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, हम प्रधानमंत्री से ये पूछना चाहते हैं कि जो उन्होंने सर्वदलीय बैठक के समय वक्तव्य दिया था, क्या उस वक्तव्य को वापस लेंगे? क्या वह देश से माफी मांगेगे कि हां मुझसे गलती हुई, मैंने ये गलतबयानी कर दी? उन्होंने कहा, अगर चीन के सैनिक पीछे हट रहे हैं तो ये तो साबित हुआ ना कि वे हमारी सीमा में आए थे। प्रधानमंत्री ने बयान दिया था कि ना कोई आया है ना हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। इस बयान को चीन ने अपने लिए एक क्लीनचिट की तरह इस्तेमाल किया। इससे हमारी जो कूटनीतिक मेहनत थी पूरे विश्व में, उसको चोट पहुंची है, मुझे लगता है पीएम मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए।