पायलट ने कहा- राहुल गांधी अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं। उनके जाने के बाद गहलोत जी और AICC में उनके दोस्त मेरे खिलाफ इकट्ठा हो गए और इसके बाद से ही मेरे लिए मेरे स्वाभिमान की रक्षा करना भी संघर्ष बन गया।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार से डिप्टी सीएम और पार्टी अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट ने एक बार साफ किया कि वह भारतीय जनता पार्टी जॉइन नहीं करेंगे। मंगलवार को राज्य में घटे अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पायलट बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
हालांकि उनके इस बयान के बाद अटकलों पर विराम लगने के आसार हैं। पायलट ने एक निजी न्यूज़ चैनल से कहा कि ‘भाजपा में शामिल होने के बारे में एक गलत एजेंडा फैलाया जा रहा है। मैंने भाजपा से लड़ाई लड़ी है और हराया है तो मैं बीजेपी जॉइन क्यों करूंगा?’
पायलट ने इंटरव्यू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाया है कि वह चुनाव के दौरान जनता से किये गये वादे नहीं निभा रहे थे।
इंटरव्यू में पायलट ने कहा कि हमने चुनाव के दौरान अवैध खदानों को लीज पर दिये जाने के खिलाफ कैंपेन चलाया था। हमने वसुंधरा सरकार पर दबाव बनाया कि वह खदानों की दी गई लीज को रद्द करें। सत्ता में आने के बाद गहलोत जी ने कुछ नहीं किया, अलबत्ता वह उसी रास्ते पर चलते रहे। मैं ना तो उनसे नाराज हूं और ना ही कोई ताकत या सुविधा मांग रहा हूं।’
वहीं एक अन्य इंटरव्यू में बीजेपी जॉइन करने से जुड़ने के सवाल पर पायलट ने कहा, ‘इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। मैंने राजस्थान में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैं अपनी ही पार्टी के खिलाफ काम क्यों करूंगा?’
सरकार और पार्टी में पद से हटाए जाने पर पायलट ने कहा कि ‘अभी 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए हैं। मैं अभी भी कांग्रेसी हूं। मुझे अपने साथियों से अगले कदम पर चर्चा करनी है।’
बीजेपी के किसी नेता से मिलने के सवाल के जवाब में पायलट ने कहा- ‘मैं भाजपा के किसी नेता से नहीं मिला हूं। छह महीने में सिंधिया से नहीं मिला। मैं माथुर से भी नहीं मिला हूं।’
पायलट ने कहा, ‘मैंने सीएम पद या अपने साथियों के मंत्री बनाए जाने की मांग नहीं की। मैं चाहता था कि एक सम्मानजनक काम करने का माहौल हो ताकि काम के समान वितरण का वादा पूरा हो सके। मैं दोहरा रहा हूं यह सब किसी पॉवर, पोजिशन या सुविधा के लिए नहीं बल्कि काम करने की आजादी के लिए है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल ने बात की, पायलट ने कहा- राहुल गांधी अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं। उनके जाने के बाद गहलोत जी और AICC में उनके दोस्त मेरे खिलाफ इकट्ठा हो गए और इसके बाद से ही मेरे लिए मेरे स्वाभिमान की रक्षा करना भी संघर्ष बन गया।