भारत ने चीन से कहा है कि एक सैन्य अभ्यास की आड़ में उन्होंने पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर सेना की तैनाती कर रखी है, सैटेलाइट से आई तस्वीरों से इसका पता लगाया जा सकता है। देपसांग के मैदानी क्षेत्र और डीओबी सेक्टर में चीन की सेना जमी है और निर्माण कार्य भी चल रहे हैं। इसको लेकर भारत ने आपत्ति जताते हुए इसे रोकने को कहा है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं। भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य, दोनों स्तरों पर ही लगातार बातचीत हो रही है। वहीं चीन अभी भी दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और देपसांग सेक्टर के मैदानों में निर्माण कर रहा है। इन एरिया में चीन के सैनिक भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। भारत ने चीन के सामने इन इलाकों में चीन के निर्माण कार्यों को लेकर कड़ा एतराज दर्ज कराते हुए इसे रोकने को कहा है।
हाल में बुई बैठक के दौरान भारत ने चीन से कहा है कि एक सैन्य अभ्यास की आड़ में उन्होंने पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर सेना की तैनाती कर रखी है, सैटेलाइट से आई तस्वीरों से इसका पता लगाया जा सकता है। देपसांग के मैदानी क्षेत्र और डीओबी सेक्टर में चीन की सेना जमी है और निर्माण कार्य भी चल रहे हैं। इसको लेकर भारत ने आपत्ति जताते हुए इसे रोकने को कहा है। भारत ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 से भारतीय सेना की पेट्रोलिंग रोके जाने का मुद्दा भी उठाया है।
24 जून को दौलत बेग ओल्डी और देपसांग सेक्टर में चीन की सेना का मूवमेंट बढ़ाए जाने की बात सामने आई थी। एलएसी के पास डीओबी इलाके में, पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से 13 के बीच चीन, भारतीय जवानों के लिए दिक्कत बढ़ा रहा है। दरअसल इसके पीछे ये माना जा रहा है कि चीन काराकोरम दर्रे के आसपास के इलाकों में अतिक्रमण करना चाहता है। चीन काफी युद्ध समग्री और तोपें एलएसी के पास मौजूद कई पेट्रोलिंग पॉइंट के करीब रखे हुए है और इन इलाकों में चीन की सेना की गतिविधियां और कंस्ट्रक्शन का काम जारी है।
भारत और चीन के बीच बीते कुछ समय से तनाव चल रहा है। 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं की बीच झड़प और इसमें 20 भारतीय सैनिकों की जान जाने के बाद तनाव काफी बढ़ गया है। शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेह पहुंचे हैं। राजनाथ ने लेह में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारत की एक इंच जमीन नहीं छू सकती। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी भी लेह का दौरा कर चुके हैं। हाल के समय में लगातार दोनों देशों की बात इस पर हो रही है कि सेनाएं पीछें हटें और तनाव कम हो।