चीन के साथ विवाद के बीच भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप ने मुंबई एयरस्पेस को पार कर लिया है। अब उन्हें अंबाला एयरबेस पहुंचने में बहुत कम समय लगेगा। इससे पहले भारतीय वायुसीमा में पहुंचने पर कंट्रोल रूम ने उन्हें ऑल द बेस्ट कहा था। अंबाला एयरबेस में राफेल के आगमन को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इन्हें रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे।
#WATCH: Five #Rafale jets in the Indian airspace, flanked by two Su-30MKIs (Source: Raksha Mantri's Office) pic.twitter.com/hCoybNQQOv
— ANI (@ANI) July 29, 2020
राफेल विमानों के आने से पहले एयरबेस पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और 3 किमी के दायरे को नो ड्रोन झोन घोषित किया गया है। साथ ही इस जगह को नो फोटोग्राफी झोन भी घोषित किया गया है। अंबाला एयरबेस पर राफेल आने से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिन हैंगरों व शेल्टर में राफेल को खड़ा किया जाएगा वहां दिनभर अधिकारी जुटे रहे।
अंबाला एयरबेस पर 5 विमानों की बैच के पहले विमान को ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह लैंड करवाएंगे। कैप्टन हरकीरत सिंह वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता हैं। खबर है कि राफेल के स्वागत के लिए यहां इन्हें लाने वाले पायलट्स के परिजन भी मौजूद रहेंगे।
इन विमानों ने सोमवार को फ्रांस के मरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी। फ्रांस में भारतीय दूतावास की ओर से मंगलवार को जारी तस्वीरों के मुताबिक करीब 30 हजार फीट की ऊंचाई पर फ्रांस के टैंकर विमान ने इन विमानों में ईंधन भी भरा।
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर कहा, “हमारे Rafale विमानों की यात्रा में फ्रांसीसी एयरफोर्स द्वारा दी गई मदद की भारतीय वायुसेना सराहना करती है।” अधिकारियों ने बताया कि सात घंटे से ज्यादा की उड़ान के बाद पांचों Rafale विमान सोमवार शाम संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल धाफरा एयरबेस पर उतरे थे। फ्रांस से भारत की उड़ान में इन विमानों का यही एकमात्र स्टॉपओवर है। यहीं से ये विमान बुधवार सुबह अंबाला के लिए उड़ान भरेंगे। अगर मौसम खराब हुआ तो इन विमानों को जोधपुर एयरबेस पर उतारा जाएगा।