बसपा से कांग्रेस में विलय करने वाले छह विधायकों के इस कदम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दी गई है, जिस पर 11 अगस्त को सुनवाई होनी है। भाजपा को डर है कि अगर कोर्ट से अगर फैसला इन विधायकों के खिलाफ गया तो कांग्रेस उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती है। ऐसे में 14 अगस्त तक विधायकों को गुजरात के किसी होटल में रखा जा सकता है और वहां से सीधे विधानसभा लाया जा सकता है।
नई दिल्ली: राजस्थान में एक महीने से भी ज्यादा समय से सियासी रस्साकशी जारी है। कांग्रेस के सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमे के बाद अब भाजपा को भी अपने विधायकों में फूट का डर सता रहा है। भारतीय जनता पार्टी भी अपने विधायकों को गुजरात शिफ्ट करने जा रही है। गुजरात में भाजपा की सरकार है, इसको देखते हुए पार्टी विधानसभा सत्र तक वहीं विधायकों को रख सकती है। राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू हो रहा है। कांग्रेस के बागी सचिन पायलट खेमे के विधायक हरियाणा में जबकि सीएम अशोक गहलोत खेमे के विधायक इन दिनों जैसलमेर में एक होटल में हैं।
बीते साल बसपा से कांग्रेस में विलय करने वाले छह विधायकों के इस कदम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दी गई है, जिस पर 11 अगस्त को सुनवाई होनी है। भाजपा को डर है कि अगर कोर्ट से अगर फैसला इन विधायकों के खिलाफ गया तो कांग्रेस उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती है। ऐसे में 14 अगस्त तक विधायकों को गुजरात के किसी होटल में रखा जा सकता है और वहां से सीधे विधानसभा लाया जा सकता है। उदयपुर से भाजपा के पांच विधायकों को गुजरात शिफ्ट कर दिया गया है। इनमें सलंबर विधायक अमृत लाल मीणा, झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी, मावली विधायक धर्म नारायण जोशी, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा और गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती शामिल हैं।
वहीं 12 भाजपा विधायकों के कांग्रेस के संपर्क में होने की बात पर राजस्थान भाजपा सतीश पुनिया ने कहा है कि पार्टी विधायक कहा हैं, मुझे इसका पता है। जब भी बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, सभी वहां मौजूद होंगे। राजस्थान बीजेपी अखंड और एकजुट है। कांग्रेस हमारे विधायकों में टूट को लेकर अफवाह फैला रही है जो जिसमें सच नहीं है। सीएम गहलोत हल्की राजनीति कर रहे हैं।
भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने पार्टी आलाकमान से दिल्ली में मुलाकात भी की है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे की चर्चा हुई। माना जा रहा है कि राजस्थान के सियासी हालात को लेकर उन्होंने नड्डा से बात की है। बता दें कि सचिन पायलट के 18 और विधायकों के साथ कांग्रेस से बागी तेवर अपना लेने के बाद राज्य में सियासी घटनाक्रम लगातार बदल रहे हैं। 14 अगस्त को सत्र शुरू होने के बाद इस पर विराम लगने की उम्मीद की जा रही है।