सचिन पायलट ने कहा कि मैं धन्यवाद करना चाहता हूं सोनिया जी का जिन्होंने एक कमेटी बनाई है, इंसाफ़ होगा। मेरा व्यक्तिगत किसी से कोई इश्यू नहीं है। मैं पांच साल से ज़्यादा यहां रहा। जो मेरे साथ लोग थे उनका ध्यान रखना ज़रूरी था।
जयपुर पहुंचे सचिन पायलट ने आज कहा कि पार्टी के भीतर अपनी बातों को उठाना विद्रोह नहीं, कोई मांग नहीं की।
सचिन पायलट ने कहा कि मेरे बारे में जो शब्दावली का इस्तेमाल किया गया उसे सुनकर मुझे दुख भी हुआ और तक़लीफ़ भी हुई। राजनीति में शालीनता ज़रूरी है। ख़ून का घंट पीना पड़ता है। पर इसका मतलब ये नहीं कि हम इंसान नहीं हैं।
पायलट ने कहा कि कल हमारी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल और प्रियंका जी से मुलाक़ात हुई थी। चर्चा निर्णायक और सार्थक रही। पुलिस के केस, निलंबन, कोर्ट कचहरी हुई जो मुझे लगा सकारात्मक नहीं है। हमने पहले दिन जाकर बोला था कि हम अपनी बात पार्टी के सामने रखना चाहते हैं। हमने या हमारे विधायकों ने पार्टी और पार्टी आलाकमान के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कहा।
सचिन पायलट ने कहा कि ”मैं धन्यवाद करना चाहता हूं सोनिया जी का जिन्होंने एक कमेटी बनाई है, इंसाफ़ होगा। मेरा व्यक्तिगत किसी से कोई इश्यू नहीं है। मैं पांच साल से ज़्यादा यहां रहा। जो मेरे साथ लोग थे उनका ध्यान रखना ज़रूरी था। जिन लोगों ने लाठी खाई, पसीना बहाया उनको सत्ता में भागीदारी दिलाना मेरा कर्तव्य है। मैंने कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं हो सकता।”
उन्होंने कहा कि ”मैंने अपने लिए कोई पद नहीं मांगा। मैंने बस यही कहा कि विधायकों के ख़िलाफ़ बदले की भावना से काम नहीं होना चाहिए। हम सब कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं। पार्टी ने बहुत पद दिए। सरकार में विपक्ष में जो पद दिया, मैंने पूरा दायित्व निभाया। पार्टी के मुखिया और नेता के तौर पर सबको साथ में लेकर मिलकर चलना पड़ता है। मेरे अंदर किसी को लेकर कोई इगो नहीं है। मेरे दिल में किसी के लिए कोई ग़ुस्सा नहीं है।”