लखनऊ: अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन लॉन्च कर दिया गया है। पांच एकड़ की जमीन पर मस्जिद और अस्पताल की दो इमारतें बनेंगी। मस्जिद का डिजाइन एस एम अख्तर ने तैयार किया है। परिसर में अस्पताल के साथ लाइब्रेरी, म्यूजियम और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने शनिवार को डिजाइन व आर्किटेक्ट लॉन्च किया। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मौलाना जुफर फारुकी व अतहर हुसैन सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
मस्जिद में एक साथ दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी जबकि अस्पताल मल्टीस्पेशलिटी होगा। पूरी मस्जिद परिसर में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा। नक्शा पास होने के बाद मस्जिद बनने का काम शुरू होगा।
बताया जा रहा है कि दो साल में निर्माण पूरा हो जाएगा। मस्जिद में गुंबद नहीं होगा। इसका आकार खाड़ी देशों की मस्जिदों की तरह होगा।
धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद की नींव गणतंत्र दिवस या फिर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रखी जा सकती। हालांकि, इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पिछले दिनों ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा था कि निर्माण शुरू करने के लिए पहली ईंट तो रखनी ही होगी तो इसके लिये 26 जनवरी या 15 अगस्त से बेहतर दिन दूसरा नहीं हो सकता है, क्योंकि 26 जनवरी को देश के संविधान की नींव रखी गई थी, जबकि 15 अगस्त को देश आजाद हुआ और आजाद भारत की नींव रखी गई थी।
उन्होंने कहा था कि अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में बाबर या उससे जुड़ा कोई जिक्र नहीं होगा और न ही किसी भाषा या राजा के नाम पर मस्जिद का नाम होगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए छह महीने पहले आईआईसीएफ का गठन किया था। परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एसएम अख्तर ने डिजाइन अंतिम रूप दिया है। अख्तर ने बताया कि मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा।
अख्तर के अनुसार, नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा। परिसर के मध्य में अस्पताल होगा। पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए छह महीने पहले आईआईसीएफ का गठन किया था। परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एसएम अख्तर ने डिजाइन अंतिम रूप दिया है। अख्तर ने बताया कि मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा।
अख्तर के अनुसार, नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा। परिसर के मध्य में अस्पताल होगा। पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी।