नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मध्यप्रदेश और तेलंगाना सहित पांच राज्यों को बाजार से 16,728 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज जुटाने की छूट दी गई है। इन राज्यों को यह छूट अपने यहां कारोबार सुगमता की शर्तें पूरी करने पर मिली है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु भी शामिल हैं।
सरकार ने मई में राज्यों को नीतिगत सुधारों के क्रियान्वयन की शर्त पर अतिरक्त कर्ज जुटाने की छूट दी थी। इसमें कारोबार सुगमता की शर्त भी है। कार्य सुगमता के मामले में ‘जिला स्तरीय उद्यम सुधार कार्ययोजना’ का प्रथम आकलन पूरा करने की शर्त है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि इन पांच राज्यों ने कारोबार सुगमता की शर्त को पूरा कर लिया है। इसके आधार पर उन्हें कुल मिला कर 16,728 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की छूट दी गई है।
बता दें कि राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्यों को अपना कर्ज अपने सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) के तीन प्रतिशत तक सीमित रखना पड़ता है। कोविड-19 के संकट को देखते हुए मई में केद्र सरकार ने राज्यों की कर्ज की सीमा विभिन्न सुधारवादी शर्तों के साथ कुल मिला कर दो प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की।
इन शर्तां में एक-देश-एक-राशनकार्ड, कारोबार सुगमता, नगर निकाय/ सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं। उन्हें 15 फरवरी 2020 तक ये सुधार लागू करने होंगे, तभी उन्हें अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट मिलेगी।
प्रत्येक सुधार पर एसजीडीपी के 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज की छूट है। इस तरह राज्य कुल मिला कर 2.14 लाख करोड़ अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटा सकते हैं।