चंडीगढ़: कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा में किसानों ने शुक्रवार से टोल फ्री करवाने का एलान किया था। इसी के मद्देनजर झज्जर में झज्जर रोहतक नेशनल हाईवे पर डीघल टोल किसानों ने सुबह नौ बजे से फ्री करवा दिया।
टोल प्रबंधक नितेश मलिक का कहना है कि किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। प्रशासन की तरफ से टोल फ्री कराने की सूचना नहीं है। टोल से 24 घंटे में करीबन 18 से 20 हजार वाहन गुजरते हैं। 24 घंटे में टोल कंपनी को 12 से 15 लाख का टैक्स मिलता है। किसानों ने के एमपी टोल फ्री करवा दिया, जिसके बाद उनकी पुलिस से काफी नोकझोंक हुई। हंगामा होने से टोल पर लंबा जाम लग गया।
सोनीपत में एनएच 44 पर स्थित मुरथल टोल को किसानों ने फ्री करवा दिया है। देर रात से टोल सुचारू रूप से चल रहा था लेकिन सुबह करीब नौ बजे किसानों का एक जत्था टोल पर पहुंचा और टोल फ्री कराया गया। टोल फ्री होने के बाद किसी भी वाहन से पैसा नहीं लिया गया। भिवानी में किसानों ने गांव कीतलाना के पास स्थित भिवानी दादरी मुख्य मार्ग के टोल को फ्री करवा दिया।
किसान आंदोलन के चलते 25, 26 और 27 दिसंबर को किसानों की तरफ से टोल फ्री करने का एलान किया गया था। महीने भर से किसानों के किसी भी जत्थे से कोई भी टोल नही लिया जा रहा। वहीं पानीपत से भारी वाहनों के लिए रूट डायवर्ट करने से भी टोल प्लाजा को भारी नुकसान भुगतना पड़ रहा है।
एनएचआई को एक दिन का टोल का किराया करीबन 45 लाख रुपये दिया जाता है। हालांकि टोल मैनेजर का कहना है कि 3 दिन के टोल फ्री होने की सूचना स्थानीय प्रशासन के साथ एनएचआई को दी गई है।
टोल फ्री करवाने के साथ किसानों ने टोल पर डेरा डाल लंगर बनाने की भी बात कही है। ऐसे में कर्मचारी और मैनेजर डर के साये में काम करने को मजबूर हैं। टोल प्लाजा मैनेजर ने बताया कि किसानों का एक जत्था नौ बजे के आसपास मुरथल टोल प्लाजा पर पहुंचा था। किसानों के पहुंचते ही मैनेजर ने सभी ऑपरेटर को टोल प्लाजा से बाहर निकाल दिया और सभी टोल को फ्री कर दिया।