राहुल गांधी द्वारा मई 2019 में पार्टी की लोकसभा की हार के बाद इस्तीफा देने के चलते अगस्त 2019 में सोनिया गांधी ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।
नई दिल्ली : कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक शुक्रवार को शुरू हुई जिसमें पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।
सोनिया गांधी ने इस दौरान केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने संवेदनहीनता और अहंकार की सभी हदें पार कर दी हैं।
किसान आंदोलन को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि इन कानूनों को सरकार ने जल्दबाजी में पास कर दिया।
माना जा रहा है कि इस बैठक में अध्यक्ष के चुनाव को हरी झंडी दी जा सकती है और चुनाव तिथि का ऐलान भी हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग फिर उठाई।
वैसे, कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा धड़ा लंबे समय से इस बात की पैरवी कर रहा है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस के 99.99 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से उनका नेतृत्व करें।
राहुल गांधी द्वारा मई 2019 में पार्टी की लोकसभा की हार के बाद इस्तीफा देने के चलते अगस्त 2019 में सोनिया गांधी ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।
वहीं कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग से पूर्णकालिक और सक्रिय पार्टी अध्यक्ष होने की मांग की गई है।
बता दें सीडब्ल्यूसी ने अपनी पिछली बैठक में संगठनात्मक चुनाव कराने का फैसला किया था, जिसमें पिछले साल अगस्त में पार्टी के 23 नेताओं के एक समूह ने सोनिया को पत्र लिखा था जिसमें गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपिंदर हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी और मुकुल वासनिक शामिल थे।
सोनिया गांधी ने पिछले महीने इनमें से कुछ ‘चिट्ठी लिखने वालों’ से मुलाकात की थी और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की थी।