बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट (यूनियन बजट) संसद में पेश कर दिया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, MSP पर फसल खरीद का कार्य तेजी से जारी है, इसके परिणामस्वरूप किसानों को पर्याप्त भुगतान किए जाने के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। 2020-21 में किसानों को कुल 75,060 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। MSP बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है। सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि फसलों की सरकारी खरीद बढ़ती जा रही है।
किसानों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं, टैक्स के संबंध में बड़ा ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अब 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी। टैक्स चोरी के पुराने केस वापस होंगे। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कोई नया कर भी नहीं जोड़ा गया है। बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश दोगुना कर दिया गया है। एक अन्य बड़े फैसले में सरकार ने पेट्रोल पर 2.50 रुपए और डीजल पर 4 रुपए पर कृषि सेस लगाया गया है। हालांकि यह बोझ आम आदमी पर नहीं पड़ेगा। इसी तरह अल्कोहल पर 100 फीसदी कृषि सेस लगाया गया है।
इस बारे में वित्त मंत्री ने कहा, प्रत्यक्ष कर में अनेक सुधार किए हैं। कर में रियायत दी है। छोटे करदाताओं को कर का बोझ कम करने के लिए कर दरों में कमी की गई है। 50 लाख से अधिक आय छुपाने के साक्ष्य होंगे तभी दस वर्ष में प्रिंसिपल चीफ आयकर आयुक्त की अनुमति से केस खोले जा सकेंगे। 1.10 लाख करदाताओं ने 85 हजार करोड़ के मामले विवाद से समाधान योजना के तहत सुलझाए जाएंगे।
इससे पहले वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के शुरू में कोरोना काल का जिक्र दिया और बताया कि किस तरह मुश्किल वक्त में सरकार ने अपनी योजनाओं के जरिए जनता तक राहत पहुंचाने की कोशिश की। उस दौरान पांच मिनी बजट पेश किए गए। इससे अर्थव्यवस्था को गति देने का कोशिश की गई। वित्त मंत्री ने वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया और स्वदेशी वैक्सीन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, यह बजट ऐसी परिस्थितियों में तैयार किया गया है जो पूर्व में कभी नहीं थी, 2020 में हमने कोविड-19 के साथ क्या-क्या सहन किया उसका कोई उदाहरण नहीं। प्रधानमंत्री ने 2.76 लाख करोड़ रुपए की पीएम गरीब कल्याण योजना घोषित की, इसके साथ ही 800 मिलियन लोगों के लिए मुफ्त खाद्यान उपलब्ध कराया।
बजट भाषण की बड़ी बातें-
शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत होगी। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को 2021-2026 से 5 वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय आवंटन से कार्यान्वित किया जाएगा। भारत में बनी न्यूमोकोकल वैक्सीन अभी सिर्फ 5 राज्यों तक सीमित है, इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इससे वर्ष में 50,000 से ज़्यादा बच्चों की मौत को रोका जा सकेगा। जल जीवन मिशन(शहरी) लॉन्च किया जाएगा, इसका उद्देश्य 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शनों को सर्वसुलभ जल आपूर्ति व्यवस्था करना है।
किसानों को 2013-14 में गेहूं के लिए 33874 करोड़ दिए गए जबकि 19-20 में 62 हजार करोड़ रुपये दिए गए और 20-21 राशि 75 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी गई। गेहूं उत्पादन करने वाले लाभान्वित किसानों की संख्या 2019-20 में 35.57 लाख से बढ़कर 2020-21 में 43.36 लाख हा गई है।
- पीएम ने 80 मिलियन परिवारों को कई महीनों तक मुफ्त गैस मुहैया कराया, 40 मिलियन से अधिक किसानों, महिलाओं, गरीबों के लिए सीधे नकद राशि मुहैया कराई।
- सरकार के रूप में हमने हर स्थिति पर नज़र बनाए रखी और अपने रिस्पांस में हम अत्यन्त मुस्तैद भी रहे, PMGKY और आत्मनिर्भर पैकेज के अलावा कई अन्य घोषणाएं भी की।
- सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं। आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया।
- इस बार का बजट डिजिटल बजट है, ये ऐसे वक्त में आ रहा है जब देश की GDP लगातार दो बार माइनस में गई है, लेकिन ग्लोबल इकनॉमी के साथ भी ऐसा ही हुआ है। 2021 ऐतिहासिक साल होने जा रहा है, जिसपर देश की नजर है।
- हमने कोविड-19 के विरूद्ध नागरिकों को चिकित्सा की दृष्टि से सुरक्षित करना शुरू किया, जिसकी बदौलत आज भारत के पास दो कोविड वैक्सीन उपलब्ध है। हमने 100 या उससे भी अधिक देश के लोगों को कोविड के विरूद्ध सुरक्षा मुहैया कराई, पीएम ने वैज्ञानिकों को श्रेय देते हुए इस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया।
- 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना,तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना,पांचवा-नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।
- वायु प्रदूषण रोकने को 42 शहरी केंद्रों पर खर्च करने के लिए 2217 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पुराने वाहनों को फिटनेस प्रणाम पत्र लेना होगा। इसके लिए परिवहन विभाग व्यवस्था देगा। सड़कों से प्रदूषण कम करने के लिए पुराने वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी आएगी।
- स्वास्थ्य क्षेत्र पर पिछले साल से 137 फीसद ज्यादा बजट प्रस्ताव किया गया है। 2 लाख करोड़ रुपये राज्यों को देंगे ताकि वे अपना पूंजीगत खर्च निकाल सकें। ऐसी व्यवस्थाएं करेंगे कि राज्य भी पूंजीगत खर्च कर सकें।
- भारत माला परियोजना: 3800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो चुका है। अगले साल मार्च तक इसका विस्तार होगा। देश में राजमार्गों को विकसित करने की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। 2030 तक के लिए नेशनल रीयल प्लान बनाया गया है। स्वच्छ पर्यावरण के लिए पांच साल में दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
- बिजली वितरण कंपनियों का एकाधिकार तोड़ने के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाएगी। ताकि देश के विभिन्न हिस्सों में एक से ज्यादा बिजली वितरण कंपनी की सेवा मिल सकें। वितरण कंपनियों की कार्यकुशलता एक बड़ा मुद्दा है। 3 लाख करोड़ से अधिक की योजना इसके लिए बनाई गई है। ग्राहक मनपसंद कंपनी चुन सकेंगे।
बजट 2021 से पहले वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने घर में मौजूद हनुमानजी के मंदिर में पूजा की। मंत्रालय के लिए रवाना होने से पहले अनुराट ठाकुर ने कहा, बजट लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप होगा। सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विकास’ के मंत्र पर काम किया है। इसी सोच के तहत आत्मानिहार पैकेज की घोषणा करके देश को महामारी से बचाने और अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने के लिए नई दिशा दी गई है।