उज्जैन : बाबा महाकाल के भक्तों के लिए अच्छी खबर है। महाकालेश्वर मंदिर में 15 मार्च से आम श्रद्धालु भी पहले की तरह भस्मारती में शामिल हो सकेंगे। गर्भगृह में एंट्री रहेगी। शयन आरती में आज से ही प्रवेश मिल सकेगा, जिसमें प्रवेश करने का समय बढ़ाकर रात 10:15 बजे तक कर दिया गया है।
यह फैसला मंगलवार को महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया है। यानी आठ महीने के बाद मंदिर का नंदी हॉल, गणेश मंडपम् और कार्तिकेय मंडपम् कोरोना काल से पहले की तरह जय महाकाल के जयकारों से गूंजेगा। शिवलिंग पर हरिओम जल चढ़ाने का फैसला महाशिवरात्रि के बाद होगा।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया मंदिर प्रबंध समिति में आम सहमति बनी है कि भस्मारती में पूरी क्षमता के साथ आम श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाए। कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि भस्मारती के साथ ही गर्भगृह में भी बाबा के भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा ताकि महाकाल का अभिषेक भी कर सकें। उन्होंने कहा कि भस्मारती और गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश को महाशिवरात्रि के बाद पहले सोमवार से या सात-आठ दिनों के अंदर शुरू कर दिया जाएगा।
06 जून 2020 से बंद था मंदिर में प्रवेश : कोरोना काल में 06 जून 2020 से महाकाल मंदिर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। मंदिर के पुजारी तड़के चार बजे भस्मारती करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण इसमें आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
2000 हजार लोग एक साथ देखते हैं भस्मारती : महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया भस्मारती में करीब 2000 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था रहती है। इसमें नंदी हॉल में 70, गणेश मंडपम् में 1580 और कार्तिकेय मंडपम में 350 लोग बैठ सकते हैं। अब यही पहले की तरह ही फिर शुरू होने जा रही है। यानी 2000 लोग एकसाथ देख पाएंगे।
800 लोगों के लिए 100 रुपए ऑनलाइन शुल्क : सहायक प्रशासक जूनवाल ने बताया भस्मारती के लिए ऑनलाइन परमिशन लेने वाले 800 लोगों के लिए 100 रुपए शुल्क निर्धारित रहेगा। उसके बाद सभी के लिए नि:शुल्क अनुमति पत्र जारी किए जाएंगे।
शयन आरती में आज से ही प्रवेश : महाकाल की शयन आरती में अब रात 10.15 बजे तक श्रद्धालुओं को आज से प्रवेश की अनुमति होगी। इसके अलावा सामान्य दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग व्यवस्था पहले की तरह रहेगी। कलेक्टर ने बताया तत्काल बुकिंग के लिए आठ कियोस्क मशीनें लगी हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। यदि कोई श्रद्धालु ऐसा है, जिसे मंदिर दर्शन की व्यवस्था के बारे में पहले से जानकारी नहीं है और उसने बुकिंग नहीं करा रखी ,है तो ऐसे श्रद्धालुओं के लिए भी इंतजाम करेंगे ताकि उसे खाली हाथ नहीं लौटना पड़े।
विदेशी दानदाताओं के लिए फॉरेन करेंसी खाता : कलेक्टर ने बताया फॉरेन करेंसी अकाउंट खोल रहे हैं। महाकाल के भक्त मंदिर के लिए विदेश मुद्रा या चेक देते हैं, तो उन्हें कैश कराने में मुश्किलों का सामना करना होता है, इसलिए एक फॉरेन करेंसी अकाउंट खोला जाएगा, जिसमें उसे चेक को भुनाया जा सकेगा और विदेशों से भी दान दिया जा सकेगा।