नई दिल्ली : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बाबा रामदेव की पतंजलि पेय प्राइवेट लिमिटेड पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा कोक, पेप्सिको और बिसलेरी पर भी जुर्माना लगाया है।
क्या है मामलाः मीडिया खबर के मुताबिक प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2018 का पालन नहीं करने के लिए पतंजलि पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। CPCB ने कंपनी को जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारीवाला ने मामले पर टिप्पणी से इनकार किया है। इसके अलावा कोक, पेप्सिको और बिसलेरी पर जुर्माना प्लास्टिक कचरे के डिस्पोजल और कलेक्शन की जानकारी सरकारी बॉडी को नहीं देने के मामले में लगाया गया है।
मीडिया खबर की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से सितंबर 2020 के दौरान बिसलेरी का प्लास्टिक का कचरा 21 हजार 500 टन रहा है। वहीं, पेप्सी की बात करें 11,194 टन प्लास्टिक कचरा है। कोका कोला के पास 4,417 टन प्लास्टिक कचरा था। इस वजह से बिसलेरी पर 10.75 करोड़, पेप्सिको इंडिया पर 8.7 करोड़ और कोका कोला बेवरेजेस पर 50.66 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी एक पॉलिसी पैमाना होता है, इसके आधार पर प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियों को उत्पाद के डिस्पोजल की जिम्मेदारी लेनी होती है।
इस बीच, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्त पदों को छह महीने के भीतर योग्य लोगों से भरा जाए और सभी प्रयोगशालाओं को शुरू करने तथा आधुनिक बनाने के लिए आवश्यक जांच उपकरणों की खरीद की जाए।
हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि तय कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण में गंभीर और बेवजह देरी से पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंच रहा है।अधिकरण ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि वह नियुक्तियों और प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण का काम छह महीने के भीतर पूरी करने में राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की मदद करे और उनकी निगरानी करे।