मुंबई : ई-वे बिल, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को लेकर द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज भारत बंद बुलाया है। सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) और अन्य संगठनों ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है।
देशभर में 1,500 जगहों पर धरना प्रदर्शन
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा- शुक्रवार को देशभर में 1,500 स्थानों पर धरना दिया जा रहा है। 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों से जुड़े करीब 8 करोड़ कारोबारी बंद को समर्थन दे रहे हैं।
GST संशोधन में अधिकारियों को ज्यादा अधिकार, व्यापारियों के लिए मुसीबत
कैट के मुताबिक, पिछले साल 22 दिसंबर और उसके बाद GST नियमों में कई बदलाव किए गए। इसमें अधिकारियों को बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए। अब कोई भी अधिकारी कोई भी कारण लेकर किसी भी व्यापारी का GST रजिस्ट्रेशन नंबर सस्पेंड या कैंसिल कर सकता है। बैंक अकाउंट और संपत्ति भी जब्त कर सकता है। खास बात यह है कि ऐसा करने से पहले कारोबारी को कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। यह कारोबारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
ई-वे बिल में बदलाव से ट्रांसपोर्टर्स और कारोबारी परेशान
एक जनवरी से प्रभावी होने वाले नए ई-वे बिल नियम से ट्रांसपोर्ट और कारोबारी फिक्रमंद हैं, क्योंकि ई-वे बिल की लिमिट 100 किलोमीटर से बढ़ाकर 200 किलोमीटर कर दी गई है। दरअसल 2021-22 के बजट में ई-वे बिल के सेक्शन 129 में बदलाव किया गया। इसके मुताबिक यदि बिल में कोई गलती होती है, तो टैक्स और पेनल्टी दोनों लगेंगी। साथ ही जो टैक्स पहले वापस हो जाता था, वह अब नहीं होगा। यानी अनजाने में अगर छोटी गलती हो जाए तो पेनल्टी और जुर्माना दो गुना वसूला जाएगा।
विरोध में ट्रांसपोर्ट ऑफिस बंद रहेंगे
सभी स्टेट ट्रांसपोर्ट यूनियन्स ने भी नए ई-वे बिल कानून के विरोध में कैट का समर्थन किया है। इस दौरान ट्रांसपोर्ट ऑफिस बंद रहेंगे। माल की बुकिंग, डिलिवरी, लोडिंग और अनलोडिंग बंद रहेगी। सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को सुबह 6 से शाम 8 बजे के बीच गाड़ियां पार्क रखने को कहा गया है।
कुछ संगठन शामिल नहीं
ट्रांसपोर्ट सेक्टर के अलावा बड़ी संख्या में राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया है। इनमें ऑल इंडिया FMCG डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन, फेडेरेशन ऑफ एल्यूमीनियम यूटेंसिल्स मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन, नॉर्थ इंडिया स्पाईसिस ट्रेडर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया वूमेन एंटेरप्रेनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कम्प्यूटर डीलर एसोसिएशन और ऑल इंडिया कॉस्मेटिक मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन आदि शामिल हैं।
जबकि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) और भाईचारा ऑल इंडिया ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन (BAITOWA) विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।
राजस्थान में कारोबारियों ने बंद से दूरी बनाई
भारत बंद को कांग्रेस के शासन वाले राजस्थान में कारोबारियों का समर्थन नहीं मिला। यहां बाजार खुले हैं और सामान्य दिनों की तरह काम चल रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की नेशनल सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीमा सेठी ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया कि हमने कारोबारियों के फायदे के लिए एक कोशिश की है, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें इसके महत्व का एहसास नहीं हुआ है। इसलिए उन्होंने एकता नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों के बीच कई ग्रुप हैं और काफी राजनीति की जा रही है। उन्हें इस बंद के महत्व का एहसास होगा, तो वे हमारे साथ हाथ मिलाएंगे। उन्होंने दावा किया कि अलवर और जोधपुर में बंद का असर है। पूरे प्रदेश में यह 60% कामयाब रहा है। वहीं कारोबारियों का कहना है कि उन्हें कोरोना और लॉकडाउन की वजह से पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है। वे अब कारोबार में किसी तरह की रुकावट नहीं चाहते।
यूपी में न के बराबर असर
उत्तर प्रदेश में भारत बंद का बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA ने बंद को समर्थन देने का ऐलान किया था, लेकिन प्रदेश में ट्रांसपोर्टरों में फूट पड़ गई। इससे चक्काजाम के बावजूद कई शहरों में ट्रक चलते देखे गए। हरियाणा के ट्रक ड्राइवर दलजीत सिंह शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम बिना पहले से सूचना मिले ट्रकों को नहीं रोक सकते।
ओडिशा में में कई शहरों में बाजार बंद
ओडिशा में बंद का असर देखा गया है। भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, बालासोर और बेरहामपुर समेत कई शहरों में कारोबारियों ने दुकानें और अपने संस्थान बंद रखे। हालांकि, बंद के कारण जरूरी सेवाओं और वाहनों की आवाजाही पर असर नहीं पड़ा। कुछ जगह व्यापारियों ने बंद के समर्थन में रैली भी निकाली। ओडिशा ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव सुधाकर पांडा ने कहा कि बंद शांतिपूर्ण और कामयाब रहा है।