बल्लभगढ़ के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड मामले में फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिए गए तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दोनों ही दोषियों को आज कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया था। सजा के ऐलान से पहले अदालत परिसर को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया था। अदालत के सभी गेटों पर भारी पुलिस बल तैनात था। इस मामले को 26 मार्च को पूरे पांच माह हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिए गए तौसीफ और रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों को 24 मार्च को ही दोषी करार दिया गया था, लेकिन हथियार मुहैय्या कराने वाले तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इस मामले में कुल 57 गवाहों की गवाही हुई थी। हत्या के 11 दिन बाद ही फरीदाबाद पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दायर कर दी थी।
दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने कहा कि अदालत के फैसले का स्वागत है, लेकिन वो दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे। वहीं, निकिता की माता विजयवती ने कहा कि दोनों दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए थी।
गौरतलब है कि बीकॉम ऑनर्स की छात्रा निकिता की 26 अक्टूबर 2020 को अग्रवाल कॉलेज के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की साजिश का आरोप सोहना निवासी तौसीफ, नूंह निवासी रेहान और अजरुद्दीन पर लगा था, जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था।
निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर ने दोषियों को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि हमें कानून के बारे में ज्यादा नहीं पता है, लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। अगर कातिलों को फांसी की सजा सुना दी जाएगी तो मैं विश्वास करूंगा कि सभी का बलिदान और मेहनत सफल हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोषी उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन करा कर शादी करना चाहते थे, लेकिन जब वह नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी गई।
मृतक के पिता ने कहा कि हरियाणा में ‘लव जिहाद’ पर कानून नहीं बना, इसलिए मैं सरकार से निराश हूं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वादा किया था कि वह कानून बना रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं बनाया गया। उन्होंने सरकार से निकिता को सम्मान देने की मांग की ताकि उसे याद रखा जाए।