कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ममता बनर्जी अब जिला स्तर से लेकर ऊपर के स्तर पर पार्टी संगठन में बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी में एक व्यक्ति एक पद की नीति को गंभीरता से अमल में लाने पर विचार कर रहा है। जिला स्तर पर उन नेताओं को अपने पद छोड़ने के लिए कहा जाएगा जिनके पास एक से ज्यादा पद हैं।
ममता बनर्जी हाल में ही हुए विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी की यह नीति सभी स्तर पर समान रुप से लागू करना चाहती हैं। जानकारों का कहना है कि इस नीति के जरिए ज्यादा से ज्यादा उन नेताओं को पद और जिम्मेदारी मिल सकती है जिन्होंने हाल में ही हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। इसी सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ तीन घंटे तक बैठक की। जानकारी के मुताबिक कोलकता स्थित ममता बनर्जी के कालीघाट आवास पर यह बैठक लंबी चली। बैठक में पार्टी में एक व्यक्ति एक नीति की नीति को जिला स्तर से लेकर ऊपर के स्तर तक लागू करने के फॉर्मूले पर विचार किया गया।
ममता कैबिनेट के चार मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक, पुलक रे, स्वपन देबनाथ और सौमेन महापात्रा अलग-अलग जिले के जिला अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में उन्हें अब यह पद छोड़ना होगा। इसी तरह पार्टी लोकसभा और राज्यसभा में भी अपने संसदीय दल के नेता, उपनेता और सचेतक के स्तर पर भी एक व्यक्ति एक पद की नीति का पालन करने की योजना बना रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर के साथ बैठक में ममता ने निकाय चुनाव और कोलकता म्यूनसिपल कॉरपोरेशन के चुनाव को लेकर भी चर्चा की। विधानसभा में जीत के बाद ममता बनर्जी निकाय चुनावों भी तृणमूल कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन चाहती हैं कि इसलिए बताया जा रहा है कि कुछ कैबिनेट मंत्रियों को निकाय चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है। ऐसे में कैबिनेट में फेरबदल की भी आवश्यकता होगी।”
तृणमूल कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिली भारी जीत के बाद ममता बनर्जी का प्रशांत किशोर पर और भरोसा बढ़ा है। लिहाजा ममता पार्टी को लेकर उठाए गए हर कदम से पहले प्रशांत किशोर से सलाह मश्विरा कर रही हैं। किशोर ममता बनर्जी को राष्ट्रीय राजनीति में लाना चाहते हैं इसलिए तृणमूल कांग्रेस के संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूत करने के लिए रणनीति तैयारी की जा रही है।