रावत ने इस इंटरव्यू में और भी मुद्दों पर बातचीत करते हुए साफ तौर कुंभ की पैरवी की और यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में उत्तराखंड ने कोविड के खिलाफ देश की राजधानी से भी बेहतर प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली : इस साल अप्रैल के महीने में हरिद्वार में हुआ कुंभ मेला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। एक तरफ मेले में कोविड टेस्टिंग के फर्जीवाड़े का विवाद खड़ा हुआ है तो जानकार कह चुके हैं कि भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिहाज़ से यह आयोजन सुपर स्प्रेडर साबित हुआ। लेकिन, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत यह मानने से इनकार करते हैं, जिनके कार्यकाल और निगरानी में कुंभ का आयोजन हुआ था।
एक ताज़ा इंटरव्यू में रावत ने कहा कि कुंभ को सेकंड वेव की वजह बताना राष्ट्र विरोधी भी है और हिंदुत्व विरोधी भी।
“अगर कुंभ सुपर स्प्रेडर था, तो केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली एनसीआर में इतने सारे केस क्यों सामने आते रहे? वहां तो कोई कुंभ नहीं हो रहा था।”
समाचार वेबसाइट द प्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में रावत ने यह बात कहते हुए आगे कहा, “ये कुछ लोगों की करतूत हैं।।। ये वही लोग हैं, जो शुरू से देश और हिंदुत्व के खिलाफ रहे हैं।”
रावत ने इस इंटरव्यू में और भी मुद्दों पर बातचीत करते हुए साफ तौर कुंभ की पैरवी की और यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में उत्तराखंड ने कोविड के खिलाफ देश की राजधानी से भी बेहतर प्रदर्शन किया।
कुंभ मेले को बदनाम करने की साज़िश के तौर पर इस तरह के ‘दुष्प्रचार’ की बात कहते हुए रावत ने तर्क दिए कि देहरादून में हरिद्वार से ज़्यादा केस रहे, जबकि कुंभ तो हरिद्वार में हुआ था!
दूसरी तरफ, पिछले ही दिनों एक संस्था प्रश्नम द्वारा करवाए गए सर्वे में उत्तराखंड के लोगों से पूछा गया था कि वो कुंभ मेले के आयोजन के बारे में क्या सोचते हैं। इस सर्वे में 68 फीसदी लोगों ने माना था कि कोरोना संक्रमण के बीच यह आयोजन करवाना गैर ज़िम्मेदाराना कदम था।
रावत ने ताज़ा मुद्दों पर बातचीत करते हुए यह भी कहा कि उत्तराखंड में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई।
रावत ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार को उत्तराखंड ने ऑक्सीजन सप्लाई करवाई थी, राज्य में ऑक्सीजन की कोई शॉर्टेज नहीं थी। जबकि खबरों के हवाले से द प्रिंट ने यह भी लिखा कि उत्तराखंड के एक प्राइवेट अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से पांच कोविड मरीज़ों की मौत सुर्खियों में रही थी।
उत्तराखंड के नए सीएम पुष्कर सिंह धामी मेरे छोटे भाई जैसे हैं। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य और बेहतर होगा। पार्टी के भीतर कोई कलह नहीं चल रही है, सब ठीक है। इस तरह की बातें कोरी अफवाहें हैं।
कांग्रेस पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। पेगासस को मुद्दा बनाना ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ से ज़्यादा कुछ नहीं है।
गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं थे इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाकर 4 जुलाई को पुष्कर सिंह धामी को नया सीएम बनाया गया।
इस बारे में तीरथ सिंह रावत ने यही दोहराया, ‘कई विधायक मेरे लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार थे, लेकिन कोविड के चलते उपचुनाव का फैसला न होने के कारण संवैधानिक संकट पैदा हुआ।’