लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार किया है। योगी ने कहा कि जिन्ना से पटेल की तुलना शर्मनाक है। अखिलेश यादव को जनता से माफी मांगनी चाहिए। विभाजनकारी मानसिकता जनता स्वीकार नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान अत्यंत शर्मनाक है। सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत की एकता और अखंडता के शिल्पी हैं। कल सपा प्रमुख की विभाजनकारी मानसिकता सामने आ गई। जब उन्होंने जिन्ना को समकक्ष रख के सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना की।
योगी ने कहा कि ये तालिबानी मानसिकता है। हर वक्त तोड़ने का प्रयास करती है। पहले जाति और अन्य वादों के नाम पर तोड़ने की प्रवृत्ति, जब वो अपने मंसूबों पर सफल नहीं हो रहे हैं, तो महापुरुषों पर लांछन लगा कर पूरे के पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान की पूरे समाज को निंदा करनी चाहिए। सपा प्रमुख को अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल के इस अपमान को देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता।
मुरादाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत निर्मित भवनों का लोकार्पण व लाभार्थियों को चाबी वितरण कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि कोरोनाकाल में विपक्ष होम आइसोलेशन में था। लूटने वाले जनता का हित नहीं कर पाएंगे।
सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों में आस्था के हिसाब से त्योहारों का आयोजन नहीं करने दिया जाता था। न बिजली आती थी, न चलने के लिए सड़क थी। न पेयजल की व्यवस्था थी। न स्वास्थ्य की सुविधाएं थीं। पिछली सरकार प्रदेश की 24 करोड़ जनता को परिवार का हिस्सा नहीं मानती थी। उन लोगों ने गरीबों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने का काम नहीं किया।
रविवार को हरदोई जिले में माधौगंज कस्बे के लखनऊ पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस सरकार को सिर्फ दो ही काम पसंद हैं।
पहला नाम बदलना और दूसरा शौचालय बनवाना। उन्होंने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेकर सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में पटेल, नेहरू, महात्मा गांधी और जिन्ना ने मिलकर संघर्ष किया था।