नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है। लेकिन कुछ दिनों में स्थिति संभाल ली जाएगी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य की स्थिति को लेकर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस समय वहां से प्रतिबंध हटाना ठीक नहीं है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई की। भसीन ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर संचार से प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया था। भसीन की तरफ से वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट में कहा कि पेपर जम्मू से प्रकाशित हो रहा है, लेकिन प्रतिबंध की वजह से श्रीनगर में नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं अटार्नी जनरल ने कोर्ट में कहा कि किसी भी प्रकाशन पर कोई बैन नहीं लगाया गया है। इसमें देरी का कोई और वजह होनी चाहिए।
इससे पहले अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के खिलाफ वकील मनोहल लाल शर्मा की ओर से दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि इसमें क्या लिखा है समझ में नहीं आ रहा है। सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच की सुनवाई करते हुए कहा संशोधन याचिका दाखिल करने की अनुमति दी है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार तक स्थगति कर दी गई है। कोर्ट ने कहा कि वो अगली सुनवाई में इसके प्रशासनिक पक्ष पर विचार करेगी। गौरतलब है कि मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्च ने जम्मू-कश्मीर में दखल देने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ये मामला बहुत संवेदनशील है और सरकार को हालात सामान्य होने के लिए वक्त मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रातों रात हालात सामान्य नहीं हो सकते हैं।