नई दिल्ली- विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर तमाम विपक्षी पर्टियों ने चुनाव आयोग से बजट की तारीख को बढ़ाने की मांग की है। वहीं केंद्र सरकार ने एकबार फिर साफ किया है बजट तय वक्त पर ही पेश होगा। केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी के मुताबिक बजट की तारीख को बढ़ाने का सवाल ही नहीं उठता है और ये तय वक्त यानी एक फरवरी को ही पेश होगा।
आपको बता दें की कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से बजट की तारीख को बदलवाने की अपील की है। चुनाव आयोग से बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि 8 मार्च के बाद बजट पेश किया जाए। 8 मार्च को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएंगे।’
आजाद ने कहा, ‘बजट में लोकलुभावन घोषणाएं की जा सकती हैं। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव नहीं कराचा जा सकता।’ मोदी सरकार 2017-18 का बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है। जबकि इसके ठीक तीन दिनों बाद पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होंगे वहीं 10 दिनों बाद उत्तर प्रदेश में पहले चरण के तहत वोट डाले जाएंगे। कांग्रेस के नेता आज मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर बजट को चुनाव बाद पेश किए जाने की मांग करेंगे।
वहीं तृणमूल कांग्रेस भी इस मामले को लेकर विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी है। नोटबंदी को लेकर हमलावर रही टीएमसी अब बजट की ताऱीख को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रही है।
पार्टी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘तृणमूल, समाजवादी, बीएसपी, जेडीयू और आरजेडी आज सुबह 11 बजे चुनाव आयुक्त से मिलेंगे।’ विपक्षी दलों का कहना है कि बजट पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘यह बात साफ हो चुकी है कि सरकार बजट का बेजा इस्तेमाल कर चुनाव पहले मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेगी।’
नोटबंदी की तरह ही एक बार फिर से विपक्ष को एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना का साथ मिला है। शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले बजट पेश नहीं किए जाने की अनुमति नहीं दिए जाने की मांग की है।
ठाकरे ने कहा, ‘बजट में लोकलुभावन घोषणांए कर सरकार परोक्ष तरीके से वोट लेने की कोशिश करेगी।’ बुधवार को चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा. उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। इस दौरान बजट को लेकर पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, ‘आयोग विपक्षी दलों की तरफ से भेजे गए संयुक्त ज्ञापन की समीक्षा कर रहा है।’
जैदी ने कहा, ‘आयोग को कुछ राजनीतिक दलों की तरफ से ज्ञापन मिला है जो बजट की ताऱीखों को लेकर है। आयोग इसकी समीक्षा कर रहा है और हम इस पर समय रहते फैसला लेंगे।’
गौरतलब है कि बुधवार को चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। ये चुनाव 4 फरवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक चलेगा। [एजेंसी]