लखनऊ- दादरी के बिसाहड़ा गांव में हुई मोहम्मद अख़लाक़ की हत्या मामले के एक अभियुक्त रवि की अस्पताल में मौत के बाद गांव में फिर से तनाव है। संवाददाता के अनुसार रवि की मौत मंगलवार को दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में हो गई है।
लखनऊ से समीरात्मज़ मिश्र ने कहा है कि बिसाहड़ा गांव मंदिर में मंगलवार देर रात पंचायत हुई और ऐलान किया गया कि जबतक जेलर और गोहत्या के कथित अभियुक्त जान मोहम्मद की गिरफ्तारी जब तक नहीं होती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। जान मोहम्मद अख़लाक़ के भाई हैं।
रवि दादरी कांड के 18 अभियुक्तों में से एक हैं और साल भर से न्यायिक हिरासत में थे। रवि की मौत की ख़बर के बाद से गांव में लोग काफी गुस्से में हैं और सड़कों पर उतर आए हैं। रवि के परिजनों ने जेल प्रशासन पर रवि की हत्या का आरोप लगाया है।
हालांकि बिसाहड़ा गांव में मौजूद बिसरख के पुलिस क्षेत्राधिकारी राकेश ने बीबीसी को बताया कि वहां पंचायत हुई थी लेकिन उनका कहना था कि इलाके़ में किसी तरह का तनाव नहीं है। हालांकि उन्होंने ये कहा कि एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान वहां तैनात किए गए हैं। राकेश के मुताबिक रवि के शव का दिल्ली में पोस्टमॉर्टम होगा फिर इसे बिसाहड़ा लाया जाएगा।
जेल अधिकारियों के अनुसार रवि ने पिछले दिनों पेट दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें नोएडा के ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल रेफ़र कर दिया गया जहां देर शाम उसकी मौत हो गई।
लेकिन परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि रवि के साथ जेल में मारपीट की गई थी जिसके कारण उनकी तबीयत ख़राब हुई। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि रवि के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अस्पताल के मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट जेसी पासी के हवाले से जानकारी दी है कि जिस वक़्त पुलिस रवि को अस्पताल लाई उस वक़्त उनकी हालात काफ़ी ख़राब थी। अस्पताल का ये भी कहना है कि जब रवि को लाया गया तब उनका ‘ब्लड शुगर’ बढ़ा हुआ था और उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी।
अस्पताल का कहना है कि रवि के ख़ून के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं. रिपोर्ट एक-दो दिनों में आ जाएगी। इसके बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। डॉक्टरों को अंदेशा है कि उसमें चिकनगुनिया या डेंगू के लक्षण भी थे।
उधर, अखलाक़ के भाई जान मोहम्मद की गिरफ़्तारी की मांग करती हुई कुछ महिलाएं पिछले पांच दिनों से बिसाहड़ा में अनशन पर बैठी हैं। पिछले साल गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गाँव में भीड़ ने मोहम्मद अख़लाक़ के घर हमला कर दिया था। हमले में अख़लाक़ की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी जबकि उनका छोटा बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। [एजेंसी]