कथित तौर पर पुलिस हिरासत में पिटाई से हुई मौत के बाद गुजरात के दाहोद के गरबडा तालुका में गुरुवार (26 अक्टूबर) को हुई हिंसा में पुलिस की गोली से एक किसान की मौत हो गयी। कथित तौर पर हिरासत में पिटाई से हुई मौत के बाद आदिवासी बहुल गांव चिलाकोटा के क्रोधित गांववालों ने पुलिस थाने का घेराव किया।
गांववाले दोषी पुलिस वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए गोली चलाई जिससे एक किसान घायल हो गया। गोली किसान के सिर में लगी थी। किसान की मौत के बाद इलाके में तनाव व्याप्त है। बुधवार (25 अक्टूबर) को चुनाव आयोग ने राज्य में आगामी विधान सभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा की थी।
सूत्रों के अनुसार पुलिस क्राइम ब्रांच ने कनेश गमरा (31) को गुरुवार को रात को डेढ़ बजे के करीब पूछताछ के लिए ले गयी। पुलिस गमरा से उसके भाई के बारे में पूछताछ कर रही थी जो डकैती के एक मामले में आरोपी है। गमरा के साथ एक और व्यक्ति को पुलिस लेकर गयी थी।
रात को करीब तीन बजे पुलिस ने उन दोनों को छोड़ा। उसके करीब एक घंटे बाद ही गमरा की मौत हो गयी। गांववाले सुबह सात बजे गमरा का शव लेकर जेसावाड़ा पुलिस थाने पहुंचे। गांववाले गमरा से पूछताछ में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग कर रहे थे।
पुलिस जब हत्या का मामला दर्ज करने को नहीं तैयार हुई तो क्रोधित गांववालों ने पथराव शुरू कर दिया और वहां खड़ी कुछ गाड़ियों में आग लगा दी। गांववालों के पथराव में सात पुलिस वालों को चोट लगी है।
पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे और उसके बाद गोली चला दी। पुलिस की गोली से तीन लोग घायल हो गये जिनमें से एक किसान रामसु मोहनिया की मौत हो गयी। मोहनिया केे परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और तीन बेटियां हैं।