नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को बताया कि पिछले 7 सालों में घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) की कीमत दोगुनी होकर 819 रुपए प्रति सिलेंडर हो गई है। जबकि डीजल-पेट्रोल पर टैक्स कलेक्शन में 459% की बढ़ोतरी हुई है। धर्मेंद्र प्रधान ने ये बात लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कही है।
7 साल पहले 410.5 रुपए का था गैस सिलेंडर
उन्होंने बताया कि 1 मार्च 2014 को 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 410.5 रुपए थी जो अब 819 रुपए है। वहीं पेट्रोल की बात करें तो 7 साल पहले पेट्रोल 70 रुपए प्रति लीटर के करीब था जो अब 100 रुपए प्रति लीटर के पार निकल गया है।
फरवरी में तीन बार महंगा हुआ था सिलेंडर
फरवरी में घरेलू LPG सिलेंडर के दाम 3 बार बढ़े थे। सरकार ने 4 फरवरी को LPG के दाम में 25 रुपए का इजाफा किया था। उसके बाद 15 फरवरी को 50 रुपए और 25 फरवरी को 25 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी।
1 दिसंबर से अब तक 225 रुपए महंगा हुआ
1 दिसम्बर को घरेलू गैस सिलेंडर 594 रुपए से बढ़कर 644 रुपए हुए थे। 1 जनवरी को फिर से 50 रुपए बढ़ाए गए, जिसके बाद 644 रुपए वाला सिलेंडर 694 रुपए हो गया। 4 फरवरी को की गई बढ़ोत्तरी के बाद इसकी कीमत 694 रुपए से बढ़कर 719 रुपए हो गई है। 15 फरवरी को 719 रुपए से 769 रुपए हुई और 25 फरवरी को 25 रुपए दाम बढ़ने से इसकी कीमत 769 रुपए से 794 रुपए पर आ गई थी। अब आज की बढ़ोतरी के बाद इसकी कीमत 819 रुपए पर पहुंच गई है।
2019-20 में डीजल-पेट्रोल से 2.13 लाख करोड़ का टैक्स मिला
देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतें भी अपने उच्चतम स्तर पर हैं। हर राज्य में इस पर लगने वाला वैट और टैक्स अलग-अलग हैं। दिल्ली में अभी पेट्रोल 91.17 रुपए और डीजल 81.47 रुपए लीटर हो गया है। 2013 में डीजल-पेट्रोल पर 52,537 करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन हुआ, जो 2019-20 में 2.13 लाख करोड़ हुआ। साल 2020-21 के शुरुआती 11 महीनों में 2.94 लाख करोड़ रुपए का टैक्स जमा हो चुका है।
केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर वसूलती हैं भारी भरकम टैक्स
पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइज पर जो अभी 32 रुपए के करीब है, इस पर केंद्र सरकार 33 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं, जिसके बाद इनका दाम बेस प्राइज से 3 गुना तक बढ़ गया है।