मुंबई – अगर आप प्राइवेट बैंक के ग्राहक हैं तो अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष में बढ़े हुए बैंक चार्जेज आपका इंतजार कर रहे हैं। अब आपको खाते में निर्धारित न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माना देना होगा। इसके अलावा यदि आप चेक के स्थान पर ऑनलाइन बैंकिंग सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं तो उसके लिए भी आपको अतिरिक्त शुल्क भरना होगा। एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस और कोटक महिन्द्रा बैंक समेत कई बड़े निजी प्राइवेट बैंकों ने चार्ज बढ़ाने की घोषणा की है।
पिछले साल नवंबर में आरबीआई ने बैंकों से खातों में न्यूनतम बैलेंस न होने पर 1 अप्रैल से अनिवार्य न्यूनतम राशि से जितनी राशि कम हो उसके अनुपात में पेनल्टी लगाने के लिए कहा था। न्यूनतम बैलेंस कम होने की स्थिति में बैंकों को लगाए जाने वाले शुल्क के बारे में ई-मेल या एसएमएस के माध्यम से खाताधारक को सूचित करना होगा। बैंकों को अब नेगेटिव बैलेंस दिखाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। पहले बैंक चार्ज लगाकर नेगेटिव बैलेंस इस आधार पर दिखाते थे कि भविष्य में जब खाताधारक पैसा जमा करेगा तो उसमें से चार्ज काट लिया जाएगा।
एक प्राइवेट बैंक के अधिकारी ने बताया, ‘औसत न्यूनतम तिमाही बैलेंस न होने की स्थिति में बैंकों द्वारा चार्ज पहले से लगाया जाता है। लेकिन, नए नियम में यह अनिवार्य बना दिया गया है कि न्यूनतम बैलेंस जितना कम हो उसी अनुपात में चार्ज लगाया जबकि पहले यह चार्ज एक समान 100 रुपये से 4000 हजार रुपये हुआ करता था। नए नियम के लागू होने से बैंकों की कमाई में कमी हो जाएगी जिसकी भरपाई के लिए बैंक अन्य चार्ज लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक ने न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में अलग-अलग स्लैब के अनुसार चार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है। नए नियम के अनुसार, न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में कम राशि के अनुसार 150 से 600 रुपये तक पेनल्टी लगेगी। इसने कुछ अन्य शुल्कों को भी बढ़ाया है। उदाहरण के लिए कुछ ब्रांचों में लॉकर शुल्क को दोगुना कर दिया गया है। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक कस्टमर के स्थानांतरित होने/पता सही नहीं होने की स्थिति में चेक बुक/पिन आदि लौटने की स्थिति में भी शुल्क लगाएगा। ब्रांचों में फिर से पिन जारी करने के लिए 50 रुपये शुल्क लगेंगे और खाते में पर्याप्त रकम न होने पर भुगतान के किसी निर्देश को रिजेक्ट होने की स्थिति में 200 रुपये की पेनल्टी लगेगी।
आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि यह शहरों और महानगरों में न्यूनतम औसत बैलेंस न होने की स्थिति में 100 रुपये शुल्क लगाएगा जबकि ग्रामीण इलाकों को इसने पेनल्टी से राहत दे दी है। इसके अलावा हर महीने नकदी जमा मशीन में एक से अधिक बार जमा करते हैं तो उसके लिए भी आईसीआईसीआई शुल्क लगाएगी।
जनवरी से अपने सर्विस चार्जों का संशोधन करने वाले कोटक महिन्द्रा बैंक ने कहा है कि औसत तिमाही बैलेंस न होने की स्थिति में अप्रैल से खातों पर 50 रुपये शुल्क बढ़ाएगा।
इसी प्रकार एक्सिस बैंक ने भी अनिवार्य न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया है। बैंक के ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में या तो कम से कम 350 रुपये की पेनल्टी या 5 रुपये प्रति 100 कम राशि शुल्क, दोनों में से जो कम हो, देना पड़ेगा। आरंभ में यह शुल्क एक समान 250 रुपये प्रति महीने था।