नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील पी चिदंबरम ने आज अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के मामले में कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि जिस मामले में उन्हें और उनके बेटे को आरोपी बनाया गया है, उस मामले की जांच के आदेश उन्होंने ही दिए थे। चिदंबरम ने इस पूरे मामले सीबीआई के आरोपों का खंडन किया है।
सीबीआई हिरासत में हैं । आज उन्हें फिर कोर्ट में पेश किया गया। INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सीबीआई ने बुधवार को कार्ति चिदंबरम को चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ मजिस्ट्रेट के सामने इंद्राणी मुखर्जी के बयान पर कार्ति की गिरफ़्तारी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक़ इंद्राणी ने अपने बयान में कहा है कि पी चिदंबरम के निर्देशों पर विदेशी निवेश की मंज़ूरी के लिए कार्ति को 10 लाख अमेरिकी डॉलर यानी क़रीब 7 करोड़ रुपये दिए गए थे। मंज़ूरी के बदले चिदंबरम ने बेटे को कारोबार में मदद करने को कहा था। 7 लाख डॉलर यानी लगभग 5 करोड़ रुपये का भुगतान विदेश में किया गया। नेशनल न्यूज़ चैनल NDTV ने दावा किया हैं की उसके पास इस भुगतान के दस्तावेज़ हैं।
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के बयान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दर्ज किये थे। ईडी इस मामले की काले धन को सफेद करना (मनी लांड्रिंग) के नजरिये से जांच कर रही है, जबकि सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष इंद्राणी दंपती के बयान दर्ज किये थे।
सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति को लंदन से लौटते ही चेन्नई हवाई अड्डे पर कार्ति (46) को गिरफ्तार कर लिया था।