रायबरेली/लखनऊ- कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को रायबरेली में भाषण देने के लिए माइक तक उपलब्ध नहीं कराया गया। माइक बिना बोलने पर राहुल भड़क गए। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं अमेठी सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। जेएनयू मामले को लेकर चल रहे बवाल पर साफ कहा कि मेरे खून में राष्ट्र भक्ति और भारतीयता है।
दरअसल राहुल गांधी को सलोन के सूची गांव में पुलिस ने माइक के साथ सभा करने से रोक दिया और माइक छीन लिया। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि राहुल गांधी की सभा माइक के साथ करने की इजाजत नहीं ली गई थी। इस मामले को लेकर मौके पर थोड़ी देर के लिए उत्तेजना रही, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य हो गई।
इस बीच बिना माइक के की गई सभा में राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार बोलने से रोक रही है। आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ बोलने वालों को देशद्रोही बताया जा रहा है। मोदी सरकार के अच्छे दिन के वादे हवा हो चुके हैं। ध्यान रहे गुरुवार को लखनऊ में कांग्रेस के दलित नेतृत्व विकास सम्मेलन में शामिल होने के बाद देर शाम अमेठी के सांसद राहुल गांधी रायबरेली चले आए थे। शुक्रवार को उन्होंने अमेठी लोकसभा क्षेत्र के सलोन इलाके से अपना जनसम्पर्क अभियान शुरू किया। इस दौरान वह कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलते हुए सूची गांव पहुंचे। यही सभा को सम्बोधित करने के दौरान पुलिस ने उनका माइक छीन लिया।
इस मामले में डीआईजी लखनऊ डीके चौधरी का कहना है कि माइक नहीं छीना गया। मौके पर एसडीएम से बातकर खुद हटाया गया। जबकि एसडीएम डीपी मिश्रा ने कहा कि वह राहुल गांधी को लेने के लिए भुएमऊ गेस्ट हाउस गए थे। घटना के समय पीछे होने के कारण वह सभा के समीप होने वाली गतिविधि को नहीं देख पाए।
जबकि सीओ अलका धर्मराज का कहना है कि एसडीएम सभास्थल पर गए थे और वहां स्थिति को देखा था। आयोजकों ने माइक लगाने की इजाजत नहीं ली थी। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सभा के दौरान एक दरोगा ने राहुल के हाथ से माइक ले लिया था। माना जा रहा है कि विधान परिषद चुनाव के कारण लागू आचार संहिता की वजह से यह कार्रवाई की गई।