सिंधिया के भाजपा में शामिल। मध्यप्रदेश भाजपा के बड़े नेता प्रभात झा इस फैसले से नाराज हैं और उन्होंने इस बारे में केंद्रीय आलाकमान को भी बता दिया है। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश से उन्हीं की सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजेने की तैयारी है। ऐसे में प्रभात झा का पत्ता कटना तय माना जा रहा है। झा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही वो ग्वालियर संभाग से आते हैं। झा भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर हैं।
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। हालांकि इसके बीच खबर आ रही है कि राज्यसभा सांसद प्रभात झा सिंधिया के पार्टी में शामिल गोने से नाराज बताए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार भाजपा मध्यप्रदेश से प्रभात झा की सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजेने की तैयारी है। ऐसे में प्रभात झा का पत्ता कटना तय माना जा रहा है।
कहा जा रहा है कि झा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है। प्रभात झा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य भाजपा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही वो ग्वालियर संभाग से आते हैं।
सिंधिया के भाजपा में शामिल। मध्यप्रदेश भाजपा के बड़े नेता प्रभात झा इस फैसले से नाराज हैं और उन्होंने इस बारे में केंद्रीय आलाकमान को भी बता दिया है। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश से उन्हीं की सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजेने की तैयारी है। ऐसे में प्रभात झा का पत्ता कटना तय माना जा रहा है। झा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही वो ग्वालियर संभाग से आते हैं। झा भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में 22 बागी विधायकों में से 13 ने आश्वस्त किया है कि वे कांग्रेस छोड़कर नहीं जा रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को विश्वास मत जीतने का भरोसा है और, हम चुप नहीं रहे, हम सो नहीं रहे हैं। सिंधिया पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते थे लेकिन अति महत्वाकांक्षी नेता को केवल मोदी-शाह मंत्री पद दे सकते हैं। सिंह ने यह भी दावा किया कि सिंधिया को राज्य में उपमुख्यमंत्री के पद की पेशकश की गई लेकिन वह अपने नामित व्यक्ति को इस पद पर चाहते थे लेकिन कमलनाथ ने चेला स्वीकार करने से इनकार कर दिया।