गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय की यह टिप्पणी पूरी तरह गलत है कि लोगों को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमाघरों में खडे़ होने की जरुरत नहीं है । उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी से लोग सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के वक्त खडा होना बंद नहीं करेंगे ।
गोमांतक बाल शिक्षण परिषद के बैनर तले आज शाम आयोजित शिक्षकों की एक सभा को संबोधित करते हुए पर्किर ने कहा, हाल में एक फैसला आया था जिसमें आदेश दिया गया आपको राष्ट्रगान के वक्त खडे होने की जरुरत नहीं है । मैं फैसले के गुण-दोष में नहीं जाना चाहता, लेकिन मेरी राय में यह गलत है ।
शीर्ष न्यायालय ने 23 अक्तूबर को कहा था कि लोगों को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमा घरों में खडे होने की जरुरत नहीं है । न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह सिनेमाघरों में राष्ट्रगान आयोजित करने के नियमन के लिए नियमों में संशोधन पर विचार करे । शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा कि यह मानकर नहीं चला जा सकता कि यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के दौरान खडा नहीं होता है तो वह कम देशभक्त है ।
परिकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी के बाद वह एक कार्यक्रम में गए थे । उन्होंने कहा, मैं एक कार्यक्रम में गया था जहां आयोजकों ने मुझे बताया कि एक फैसला है जिसके तहत राष्ट्रगान के वक्त खडा होना जरुरी नहीं है और इस मुद्दे पर भ्रम है ।
परिकर ने कहा कि उन्होंने एक आयोजक से कहा कि वह फैसले के गुण-दोष में नहीं जाएं और वहां मौजूद लोगों से अपील करें कि वे राष्ट्रगान के वक्त खडे हो जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा, राष्ट्रगान के वक्त खडा होने या न होने पर लोगों की प्रतिक्रिया उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह (राष्ट्रगान के वक्त खडे होना) उनकी पालन-पोषण एवं संस्कृति का हिस्सा है।