नई दिल्ली: शुक्रवार को विंग कमांडर अभिंनदन वर्तमान देश वापस लौट आए। कई दुआओं और प्रार्थनाओं ने असर दिखाया और पाकिस्तान ने उन्हें सही सलामत वापस भेज दिया। अब आज दिल्ली में विंग कमांडर अभिनंदन को कई परीक्षाओं से गुजरना होगा। विंग कमांडर अभिनंदन एक अहम मिशन पर थे जब उनका मिग-21 क्रैश हुआ और वह पाकिस्तान में जा गिरे। भारत और पाकिस्तान भले ही युद्ध की स्थिति में न हो लेकिन तकनीकी तौर पर अभिनंदन प्रिजनर ऑफ वॉर यानी पीओडब्लूय हैं। ऐसे में उन्हें कई तरह के टेस्ट्स से गुजरना होगा।
अभिनंदन वाघा अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत आए हैं। विंग कमांडर को इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से दिल्ली लाया गया। यहां पर पालम एयरपोर्ट पर लोगों ने उनका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। अभिंनदन का मेडिकल टेस्ट हो चुका और अब उन्हें बग स्कैनिंग से गुजरना होगा। आर्मी और एयरफोर्स के ऑफिसर्स उनके कई तरह के सवाल करेंगे। इसके बाद उनका एक और मेडिकल चेक अप सेना के ही डॉक्टर करेंगे। कुछ दिनों तक विंग कमांडर को दिल्ली में कमांड हॉस्पिटल या फिर आरआर में एडमिट रहना होगा। सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो अभिनंदन के साथ फिलहाल एक पीओडब्लू की तरह ही बर्ताव होगा।
अभिनंदन की डी-ब्रीफिंग होगी और विशेषज्ञों की मानें तो यह वाकई कड़ा प्रोसेस होता है। इसमें एयरफोर्स की इंटेलीजेंस यूनिट यह जानने की कोशिश करेगी कि दुश्मन की सेना ने उनसे क्या-क्या राज हासिल किए हैं। साथ ही इस बात का पता भी लगाया जाएगा कि कहीं दुश्मन ने उन्हें अपनी सेना में तो शामिल नहीं कर लिया है। जो मेडिकल चेक अप किए गए हैं उसमें फुल बॉडी चेकअप तक शामिल है। इन सबके बाद बग-स्कैनिंग की जाती है। इसमें इस बात का पता लगाने की कोशिश होगी कि कहीं किसी तरह की कोई चिप तो अभिनंदन के शरीर में फिट नहीं की गई है।
उनका साइकोलॉजिकल टेस्ट जिसे पीएसवाई बैटरी टेस्ट कहते हैं, वह भी होगा। अभिनंदन, पाक में अकेले थे और उन्हें एक बंदी की तरह रखा गया था। इस टेस्ट में यह जानने की कोशिश होगी कि कहीं नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े कोई राज निकलवाने के लिए पाक ने उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर टॉर्चर तो नहीं किया। उनकी मानसिक स्थिति जानने की भी कोशिश की जाएगी। माना जा रहा था कि इंटेलीजेंस ब्यूरो और रॉ के अधिकारी भी उनसे पूछताछ कर सकते हैं लेकिन इसकी संभावनाएं अब कम हैं।
विंग कमांडर अभिनंदन सुखोई जैसा फाइटर जेट उड़ा चुके हैं और मिग-21 उड़ाने में भी उन्हें महारत हासिल है। विंग कमांडर अभिनंदन फाइटर जेट उड़ाएंगे या नहीं, इसका निर्णय काफी हद तक उनकी पीठ की स्थिति पर निर्भर होगा। अगर उनकी पीठ सही रही तो फिर वह फिर से मिग या सुखोई या फिर ऐसा ही कोई फाइटर जेट उड़ा पाएंगे। वापस आने के बाद अभिनंदन फिर से अपनी ही यूनिट में भेजे जाएंगे।