प्रतापगढ़- यश भारती पुरस्कार से सम्मानित उत्तर प्रदेश के दबंग और चर्चित शायर इमरान प्रतापगढ़ी खुद पर फेसबुक पोस्ट पर भड़क उठे। चोरी की रचनाएं पढ़ने के बाद भी यश भारती पुरस्कार हासिल करने के साथ जब इमरान की योग्यता पर सवाल खड़ा हुआ तो पोस्ट पर कमेंट्स भी आने लगे। इस पर इमरान बौखला उठा और पोस्ट करने वाले साहित्यकार को अंजाम भुगतने की धमकी भी दे डाली। पोस्ट डिलीट करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा। परेशान कवि साहित्यकार ने डी एम एस पी समेत शासन से भी प्राणरक्षा की गुहार लगाते हुए खुद की हत्या की भी आशंका जाहिर की है।
इमरान अपनी गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहते रहे हैं। शायर और साहित्यकार की छवि के उलट इमरान प्रतापगढ़ी इलाहाबाद में बाहुबली अतीक अहमद के साथ जमीन कब्ज़ा और मारपीट के मामले को लेकर सुर्खियों में रहे । तो कभी चोरी की रचनाएं पढ़ने के आरोपों को लेकर। इमरान मूलतः प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। अखिलेश सरकार ने हाल में यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया तो इमरान की योग्यता और पुरस्कार हासिल करने पर ही सवाल खड़े हो गए। प्रतापगढ़ के रहने वाले और अनेको मंचो पर काव्य पाठ करने वाले वरिष्ठ कवि व साहित्यकार शीतला सुजान ने फेसबुक पर इमरान पर चोरी की रचनाएं पढ़ने का आरोप लगाया और अयोग्य को यश भारती पुरस्कार देने की बात पोस्ट की।
पोस्ट में सूबे में योग्य को यश भारती पुरस्कार न देकर वोटबैंक राजनीती और रसूख को ख्याल में रखकर पुरस्कार देने की बात की गई। इस पर शायर इमरान भड़क उठे। और पोस्ट करने वाले कवि से मोबाईल पर पहले तो प्रेस रिपोर्टर बनकर पूरी बात जानी और फिर अपना परिचय देते हुए पोस्ट डिलीट करने को कहा। और ऐसा न करने अंजाम भुगतने की धमकी भी दिया और कहा अंजाम बुरा होगा। शीतला सुजान ने इसकी शिकायत शासन स्तर पर किया और साथ ही कार्यवाही के लिए पुलिस को तहरीर दिया। डी एम और एस पी से मिलकर अपनी हत्या की आशंका जताते हुए प्राण रक्षा की गुहार लगाई।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक माधव प्रसाद वर्मा का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है और साक्ष्य के आधार पर कार्यवाही भी की जायेगी।
फिलहाल यह तो वक़्त बताएगा कि चर्चित युवा शायर पर कार्यवाही कब और किस स्तर पर होगी। लेकिन इस मामले ने यश भारती पुरस्कार हासिल करने वाले शायर इमरान को कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक शायर की दबंग छवि लोगो की समझ के परे है। साथ ही यश भारती पुरस्कार के बदले सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक फायदे की तरफ भी चर्चा को हवा देता है शायर का यह कृत्य।
@हर्ष मिश्रा