योग गुरु बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन लगा दिया गया है। टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘सिर्फ हिंदुओं को टारगेट करना गलत है।
सरकार को इसके खिलाफ अपील करनी चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा कि हम हर बात को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जरिए करना चाहते हैं, जो ठीक नहीं है। हर चीज के लिए प्रदूषण का हवाला देना भी ठीक नहीं है। जब किसी विशेष समुदाय या धर्म को टारगेट किया जाएगा तो ये धार्मिक रूप धारण कर लेगा। इसमें कोई शक नहीं है कि हिंदुओं को टारगेट किया गया है। क्या ऐसा सभी के लिए नहीं किया जाना चाहिए?
हालांकि मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि इंसान को जितना हो सके प्रदूषण से बचना चाहिए। अगर कानूनी तौर पर बात की जाए तो करीब महीने भर पहले सरकार ने 500 पटाखा एजेंसियों को लाइसेंस क्यों दिया? लेकिन ये भी सच है दिल्ली में प्रदूषण की वजह से दमे की मरीजों को दिक्कत होती है। हालांकि रामदेव इस दौरान पटाखें फोड़ने से संबंधित सवाल से बचते नजर आए लेकिन उन्होंने सरकार द्वारा कंपनियों को लाइसेंस दिए जाने पर तंज कसा।
योगगुरु ने आगे कहा कि अब सरकार को उन 500 कंपनियों के पटाखों के खरीद लेना चाहिए। फिर चाहे सरकार उन पटाखों का कुछ भी करे। उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत को प्रगतिशील बनाना है तो सभी समूहों पर एक जैसी कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक विवादित फैसला देते हुए एक नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन लगा दिया है। कोर्ट के इस फैसले का विरोध देशभर में कई राजनीतिक पार्टियों ने किया है।