अमेठी : यूपी के अमेठी में तीन माह पूर्व हुए 11 लोगों के सामूहिक हत्याकाण्ड में अमेठी पुलिस आज भी जहां की तहां है। कई बार पीडित ने ज़िले के अधिकारियों के यहाँ फरियाद भी की और शासन के अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाई। सीबीआई जाँच की मांग भी किया लेकिन पुलिस इस तरह कान बंद कर मानो इंसान नहीं जानवर की हत्या हुई हो। नतीजतन अब पीडित ने हाईकोर्ट की शरण लिया है।
तीन माह पूर्व का मामला
अमेठी जनपद के शुकुल बाज़ार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम महोना पश्चिम में तीन जनवरी की रात एक ही परिवार के 11 लोगों की हत्या की गई थी। इस दर्दनाक हादसे को बीते लगभग ती माह हो चले हैं।
प्रकरण में पुलिस ने तीन माह में अब तक केवल दर्जन भर से अधिक लोगो से पूछताछ किया, जिसमे मृतक जमालुद्दीन के करीबी दोस्त एवं घर में मिले कुछ पेपर्स के सहारे कुछ प्रापर्टी डीलर पुलिस की पूछताछ में आए और गए। इनके अलावा घर व दुकान के अगल-बगल के रहने वाले पड़ोसियों से भी पुलिस पूछताछ कर कागजी कोरम पूरा किया, इस सबके बावजूद पुलिस हाथ कुछ नही लगा। ऐसे में ये कहा जाना ग़लत न होगा कि 11 लोगों की निर्मम हत्या महज़ एक पहेली बनकर रह गई।
सपा सरकार में नहीं हुई थी सुनवाई-
इस संदर्भ में वादी मुकदमा एवं हादसे का शिकार हुए जमालुद्दीन के भाई अनीस अहमद ने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के कार्यालय का जमकर चक्कर काटा पर मानों पुलिस ये तय करके बैठ चुकी है कि वादी लाख दौड़े खुलासा नहीं करना है! जिला स्तर के अधिकारियों से न्याय न मिलता देख वादी ने शासन के अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन वो भी आश्वसन का झुनझुना पकड़ाते रहे। हैरत तो इस बात पर है के वादी मुकदमा को न्याय के लिए ये सब यातना तब उठानी पड़ी जब सूबे में खुद को मुस्लिमों का सच्चा हमदर्द बताने वाली सपा की सरकार थी।
इस सरकार में भी धूल फांक रही मुकदमे से जुड़ी फाइल –
यही नहीं नई सरकार आई और नया निजाम, ऐसे में वादी को लगा के शायद उसकी सुनवाई अब हो जाए और मामले का खुलासा हो जाए। इसलिए के योगी राज में हर एक राइट टाइम है। लेकिन सरकार बने 20 दिनों से अधिक का समय बीत गया और 11 लोगों के नरसंहार की फाइल थाने में वैसे ही धूल फांकती रही।
सीबीआई जाँच की मांग लेकर हाईकोर्ट पहुँचा वादी-
अंत में थक कर वादी ने न्यायालय की शरण लिया है। शुक्रवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में उक्त प्रकरण से सम्बंधित रिट फाइल की गई है। इस सम्बंध में अधिवक्ताकैलाश चंद्र ने बताया है कि कोर्ट के समक्ष सीबीआई जाँच की मांग रखी गई है। इससे सम्बंधित सुनवाई आने वाले सोमवार को होगी।ऐसे में अगर कोर्ट ने मामले में संज्ञान ले लिया तो बरती गई लापरवाही अमेठी के ज़िम्मेदार अधिकारी और विवेचक की गर्दन फसना तय है।
रिपोर्ट@राम मिश्रा