मुख्यमंत्री ने उर्वरक वितरण समस्या वाले 4 कलेक्टर्स से की चर्चा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को सहज ढंग से बिना परेशानी के खाद मिले, उन्हें लाइन न लगानी पड़े, यह सुनिश्चित करें। उर्वरक की उपलब्धता है, वितरण व्यवस्था की जहाँ कमी है, उसे दूर किया जाये। सभी कलेक्टर्स व्यवस्था करें कि किसानों को उर्वरक लेने के लिये लाइन न लगाना पड़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख एल मंडाविया से पूर्ण सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज सुल्तानपुर से लौटने के बाद रात्रि में निवास से वीसी द्वारा उर्वरक वितरण समस्या वाले कुछ जिलों के कलेक्टर्स से चर्चा की। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री की इन जिलों से हुई चर्चा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सतना, राजगढ़, सागर, और नीमच जिलों के कलेक्टर्स से खाद की उपलब्धता, वितरण केंद्र संख्या और वितरण व्यवस्था के संबंध में बातचीत कर निर्देश दिए। कटनी कलेक्टर ने बताया कि बैंकर्स सहयोग कर रहे। शाम 4 की जगह शाम 5:30 बजे तक वितरण का प्रबंध किया गया है। किसानों से प्राप्त राशि के संबंध में बैंक देर शाम तक वित्तीय व्यवहार कर रहे। मुख्यमंत्री ने यह व्यवस्था अन्य जिलों में भी करने के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव सहकारिता श्री के.सी. गुप्ता दमोह से वीसी में शामिल हुए। उन्होंने सागर, छतरपुर और दमोह जिलों में उर्वरक वितरण की व्यवस्थाएँ दौरा कर देखी हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश
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कहीं भी ब्लैक न हो खाद।
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किसान को कहीं जबरन खाद न दें।
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कलेक्टर्स भ्रमण करते रहें।
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किसी भी जिले में किसानों को लाइन न लगानी पड़े।
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जिलों में खाद वितरण सुचारू रहे, जहाँ आवश्यक हो विकेंद्रीकरण किया जाए।
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किसानों को अधिक दूरी से खाद लेने न आना पड़े।
प्रदेश में उर्वरक की व्यवस्था
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केन्द्र सरकार द्वारा माह नवम्बर 2022 के लिए यूरिया का आवंटन 7 लाख मीट्रिक टन (285 लाख मेटन स्वदेशी एवं 4.15 लाख मीट्रिक टन आयातित) एवं डीएपी का आवंटन 1.94 लाख मीट्रिक टन (0.20 लाख मीट्रिक टन स्वदेशी एवं 1.74 लाख मेट आयातित) दिया गया है। माह नवम्बर, 2022 के लिए 4.15 लाख मीट्रिक टन आयातित यूरिया का आवंटन दिया गया है।
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11 नवम्बर की स्थिति में यूरिया 1.89 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित, डीएपी 1.33 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित एवं एनपीके ट्रांजिट सहित 52 हजार मीट्रिक टन प्राप्त है।
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11 नवम्बर की स्थिति में यूरिया का स्टॉक 2.25 लाख मीट्रिक टन है। डीएपी का स्टॉक 1.45 लाख मीट्रिक टन एवं एनपीके का स्टॉक 1.11 लाख मीट्रिक टन है।
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विगत वर्ष 1 अप्रैल, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 तक विक्रय मात्रा के अनुसार 11 नवम्बर, 2022 तक यूरिया 13 जिलों (नर्मदापुरम कटनी, छतरपुर, रायसेन, सतना, जबलपुर, इंदोर, बेतूल, श्योपुर, रतलाम, नीमच, झाबुआ, अलिराजपुर) में, डीएपी 6 जिलों (बालाघाट, हरदा, टीकमगढ़, दमोह, निवाडी, अनुपपुर) में, एनपीके 17 जिलों (विदिशा, उज्जैन, नर्मदापुरम, सीहोर, सागर, भोपाल, खरगोन, नीमच, सिवनी, खण्डवा, शाजापुर, ग्वालियर दतिया देवास, आगरमालवा, बैतूल, इंदोर) में, डीएपी, एनपीके 04 जिलों (नर्मदापुरम, हरदा, शाजापुर, निवाडी) में भण्डारण कम है, जिनकी शीघ्र पूर्ति की जा रही है।
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विपणन संघ द्वारा माह नवम्बर के लिए 175 यूरिया की रेक एवं 78 रेक डीएपी की मांग की गई है, जिसके विरूद्ध 1 नवम्बर से 11 नवम्बर तक 57 यूरिया की रेक एवं 36 डीएपी की रेक एवं एनपीके की 15 रेक ट्रांजिट सहित प्राप्त है।
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विपणन संघ के 240 डबललॉक केन्द्रों से नगद वितरण प्रारंभ है, भीड़ वाले डबललॉक केन्द्रों पर 150 अतिरिक्त केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 144 केन्द्रों द्वारा विक्रय किया जा रहा है।
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जिलों को डबललॉक केन्द्रों पर निजी उर्वरक विक्रेताओं के काउंटर स्थापित करने के निर्देश 3 नवम्बर, 2022 को जारी किये गये। 4 नवम्बर को 23 काउंटर प्रारंभ किये गये थे, जो बढ़ कर 10 नवम्बर को 406 काउंटर हो गये हैं।