राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को लाभ और सीमांत किसान परिवारों की खुशहाली में ही कृषि की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही आज दीक्षित विद्यार्थी प्राप्त की गई शिक्षा से अपने परिवार के साथ सम्पूर्ण समाज के कल्याण में योगदान देंगे। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि कृषि संकाय में विशेषज्ञता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के ज्ञान का लाभ कृषि को उन्नत बनाने में मिलेगा। दीक्षांत समारोह में चार विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 14 को शोध उपाधियाँ (पीएचडी) सहित 321 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और 303 विद्यार्थियों को स्नातक उपाधियाँ प्रदान की गईं। साथ ही तीन विद्यार्थियों को सिरताज बहादुर सिन्हा स्मृति नगद पुरस्कार प्रदान किए गए।
राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्याल के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आठवें दीक्षांत समारोह में उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, विधायक श्री वीरेन्द्र रघुवंशी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ. आर सी अग्रवाल, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. राव राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी, कृषि विश्वविद्यालय के डीन डॉ. दीपक हरी रानाडे, अधिष्ठाता श्री एन.एस. भदौरिया सहित विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य और विद्यार्थी मौजूद थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने उपाधियाँ प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि आप सब खेती को समावेशी, व्यापक और अधिक टिकाऊ बनाने में पूरे उत्साह के साथ योगदान देंगे। कृषि विद्यार्थियों के प्रयास ऐसे हों, जिससे देश में कृषि व्यापार का ऐसा वातावरण बने जो किसानों के लिये लाभकारी हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्नत कृषि तकनीक को बढ़ावा देने के लिये प्रभावी कदम उठाए हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने जैविक खेती अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को उपयुक्त तकनीक और खेती के नए-नए तरीकों में पारंगत करने की जरूरत है। साथ ही यह भी प्रयास करने होंगे कि किसान कृषि उद्यमी के रूप में आगे बढ़ें। राज्यपाल श्री पटेल ने राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया का स्मरण कर उनके द्वारा समाज की भलाई के लिए किए गए कार्यों को भी रेखांकित किया।
किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि की पढ़ाई की सार्थकता तभी सिद्ध होगी, जब कृषि विशेषज्ञता का लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिये सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों और योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि और कृषि अधोसंरचना विकास फंड से किसानों को बड़ी मदद मिल रही है। कृषि मंत्री श्री पटेल ने उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अपनी ओर से 10–10 हजार रूपए के नगद पुरस्कार देने की घोषणा भी की।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि कृषि विद्यार्थी वैज्ञानिक तरीके से कृषि उत्पादन बढ़ाने में अपना योगदान दें और जलवायु परिवर्तन अप्रभावित होने वाली ऐसी कृषि तकनीकें खोजें जिससे सूखे और अतिवर्षा की स्थिति में भी किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सके। श्री कुशवाह ने कहा कि कृषि विद्यार्थी किसानों को उद्यानिकी अपनाने के लिये प्रेरित करें।
विकास कार्यों का लोकार्पण
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री पटेल, कृषि मंत्री श्री पटेल एवं उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री कुशवाह सहित अन्य अतिथियों ने कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। लोकार्पित कार्यों में जैविक कपास उत्कृष्ट अनुसंधान केन्द्र भवन खंडवा एवं आगर मालवा तथा मनावर, धार और अलीराजपुर के कृषि विज्ञान केन्द्रों में नवनिर्मत प्रशासनिक एवं कृषक भवन सहित अनुसूचित जाति-जनजाति कौशल विकास केन्द्र मंदसौर शामिल है।