मछुआरों और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस बंदरगाह के बनने से उनकी जीविका पर असर पड़ेगा और पोर्ट के निर्माण की वजह से उत्तर की तरफ़ तट को नुक़सान भी हो रहा है। अडानी समूह की ओर से बनाए जा रहे विझिनजम बंदरगाह का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। विरोध कर रहे लोगों के समूह ने बीते रविवार को बंदरगाह पर निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को रोक दिया था।
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि सरकार निर्माण कार्य पर रोक लगाकर बंदरगाह की वजह से मरीन इकोसिस्टम पर पड़ने वाले असर का स्वतंत्र ढंग से अध्ययन कराए
हाइलाइट्सअडानी समूह केरल में साल 2015 से एक मेगा पोर्ट का निर्माण कर रहा है
पिछले करीब 120 दिनों से इस बंदरगाह के विरोध में लोगों का प्रदर्शन जारी है
विरोध कर रहे लोगों का कहना है बंदरगाह से तट को नुकसान हो रहा है
नई दिल्ली: अडानी समूह (Adani Group) केरल में साल 2015 से एक मेगा पोर्ट का निर्माण कर रहा है। इसका नाम विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह (Vizhinjam International Seaport) है। इसे लेकर स्थानीय निवासियों और मछुआरों की ओर से विरोध किया जा रहा है। मछुआरों और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस बंदरगाह के बनने से उनकी जीविका पर असर पड़ेगा और पोर्ट के निर्माण की वजह से उत्तर की तरफ़ तट को नुक़सान भी हो रहा है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि पोर्ट (Vizhinjam International Seaport) के निर्माण की वजह से समंदर को हो रहे नुक़सान के बारे में गहन वैज्ञानिक अध्ययन हो। पिछले 120 दिनों से ज्यादा समय से इस बंदरगाह के विरोध में लोगों का प्रदर्शन जारी है। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला और इस बंदरगाह को लेकर क्यों बढ़ता जा रहा है विवाद।
दो गुटों के बीच हुई थी झड़प
अडानी समूह (Gautam Adani) की ओर से बनाए जा रहे विझिनजम बंदरगाह (Vizhinjam International Seaport) का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। विरोध कर रहे लोगों के समूह ने बीते रविवार को बंदरगाह पर निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को रोक दिया था। इस दौरान झड़प हो गई। पुलिस के मुताबिक, बंदरगाह परियोजना का एक समूह समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा विरोध। इसके चलते दो गुटों के बीच झड़प हुई थी। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बताया जा रहा है कि लैटिन कैथोलिक चर्च के नेतृत्व में भीड़ ने रविवार रात विझिंजम पुलिस थाने पर हमला कर दिया था। इसमें कम से कम 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। भीड़ ने डंडों और ईंटों से पुलिस स्टेशन को भी निशाना बनाया था।
करोड़ों की लागत से हो रहा निर्माण
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बंदरगाह का निर्माण 75 हजार करोड़ रुपयों की लागत से हो रहा है। इस बंदरगाह का प्रस्ताव कांग्रेस और यूडीएफ़ के गठबंधन की सरकार के दौरान आया था। तब ओमन चांडी केरल के मुख्यमंत्री थे, उस समय भारत में डीप वॉटर पोर्ट भी नहीं था। इस समय बड़े कंटेनर जहाज़ दुबई, सिंगापुर और कोलंबो में ठहरते हैं। ये सभी भारत से आने-जाने वाला सामान के हब भी हैं।
इस वजह से विरोध कर रहे मछुआरे
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मछुआरे और स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि सरकार निर्माण कार्य पर रोक लगाकर बंदरगाह की वजह से मरीन इकोसिस्टम पर पड़ने वाले असर का स्वतंत्र ढंग से अध्ययन कराए। हालांकि, अ डानी समूह का दावा है कि उनकी ये परियोजना पूरी तरह नियमबद्ध है और आईआईटी जैसी बड़ी संस्थाओं ने इसकी वजह से तटीय क्षरण होने की बात को नकारा है। इस मामले में हाई कोर्ट की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद अडानी समूह ने निर्माण कार्य शुरू करने की कोशिश की थी। बंदरगाह का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि अभी पोर्ट का 30 फीसदी काम ही पूरा हुआ है और इसका दुष्प्रभाव दिखने लगा है। इनकी मांगे हैं कि तट के क्षरण का स्थायी समाधान किया जाए, तटीय क्षरण की वजह से जिन लोगों के घर गए हैं और ज़मीन गई है उन्हें अस्थायी रूप से कहीं और बसाना। वहीं घर और ज़मीन गंवाने वाले लोगों के लिए व्यावहारिक परियोजनाएं लागू करना है।