मुलायम सिंह यादव के नौ रत्नों में शुमार किए जाने वाले राजा भैया ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि नेताजी हमेशा जमीन से जुड़े नेता थे और सबका ख्याल रखने वाले शख्स थे। उनका जाना एक युग का अवसान है।
मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ ही उत्तर प्रदेश की सियासत में एक युग समाप्त हो गया है। नेताजी को पीएम नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है और अपने ही तरीके से उन्हें याद किया है। इस बीच प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से लगातार विधायक रहने वाले राजा भैया ने भी मुलायम सिंह यादव से अपनी निकटता का जिक्र किया है। कभी मुलायम सिंह यादव के नौ रत्नों में शुमार किए जाने वाले राजा भैया ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि नेताजी हमेशा जमीन से जुड़े नेता थे और सबका ख्याल रखने वाले शख्स थे।
राजा भैया ने कहा, ‘एक युग का अवसान हुआ है। उनकी लोकप्रियता और व्यवहार समाजवादी पार्टी तक ही सीमित नहीं था। पार्टी के बाहर भी बहुत से दलों के नेता उनसे आत्मीयता रखते थे और सम्मान करते थे। मेरा उनसे भावनात्मक संबंध रहा है। 18 सालों तक उनके साथ काम किया था। वह ऐसा व्यवहार रखते थे कि खाना तक लाते थे। कई बार देशी घी की बनी पूड़ियां, सब्जी और अचार लेकर आते थे। कहते थे कि समय पर इसे खा लेना। मुलायम सिंह यादव ने कभी आलस नहीं किया और सुबह 6 बजे उठकर ही मॉर्निंग वॉक करते थे। धोती कुर्ता और चप्पल में ही टहलते थे। इसी दौरान वह लोगों से मुलाकात भी करते रहते थे। ऐसा उनका रूटीन था।’
यही नहीं राजा भैया ने मायावती सरकार के कार्यकाल में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे मुलायम सिंह यादव की सरकार में उन्हें राहत मिली। अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को पलटने की बात पर राजा भैया ने कहा कि नेताजी ने हमेशा पोटा का विरोध किया था। हमें उनकी सरकार बनने के बाद जेल से निकलने में 8 महीने लगे और उनका पूरा साथ मिला। हमेशा जन्मदिन से लेकर अन्य तमाम मौकों पर उनका आशीर्वाद मिलता रहता था। वह राजनीति से परे निजी रिश्तों का भी ध्यान रखते थे।