प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता, वितरण में असंतुलन न हो
कंट्रोल रूम निरंतर कार्य करे, आँकड़े भी सामने लाए जाएँ
जिला स्तर पर कलेक्टर्स किसानों तक पहुँचाएं सही जानकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खाद वितरण की समीक्षा की
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि खाद वितरण की ऐसी व्यवस्था करें कि कहीं भी खाद प्राप्त करने के लिए किसानों को लाइन न लगाना पड़े। उपलब्धता के बाद यह सुनिश्चित करें कि वितरण की व्यवस्था भी सही रहे। केन्द्र सरकार से निरंतर आवंटन प्राप्त हो रहा है। खाद की कोई कमी नहीं है। वितरण का असंतुलन नहीं होना चाहिए। यह जानकारी भी किसान तक पहुँचे। खाद वितरण के सुचारू प्रबंध मैदान में दिखना चाहिए। कंट्रोल रूम से निगाह रखते हुए प्रतिदिन की जानकारी सामने लाई जाए। व्यवस्था में दोषी लोगों को जेल भेजने की कार्यवाही हो। प्रदेश में खाद वितरण के 262 अतिरिक्त काउंटर प्रारंभ किए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में सुचारू रूप से खाद और उर्वरक का वितरण सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करते हुए व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाएँ। समय पर वितरण के साथ ही सोशल मीडिया से किसानों को आँकड़ों सहित वास्तविक स्थिति की जानकारी जिला स्तर पर दी जाए। इसके लिए कलेक्टर्स आवश्यक व्यवस्थाएँ करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बोवनी कार्य की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके परिश्रम की पूरी कीमत मिलना चाहिए। विशेष रूप से मंडियों में आने वाले सब्जी उत्पादकों को बिचौलियों और व्यापारियों द्वारा अनुचित लाभ लेने से बचाने पर भी ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज शाम निवास कार्यालय में प्रदेश में खाद व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री के.सी. गुप्ता, आयुक्त सहकारिता श्री संजय गुप्ता और प्रबंध संचालक मार्कफेड श्री आलोक कुमार सिंह उपस्थित थे।
प्रदेश का खाद परिदृश्य
बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा माह नवम्बर-2022 के लिए यूरिया का आवंटन सात लाख मी. टन (2.85 लाख मी. टन स्वदेशी एवं 4.15 लाख मी. टन आयातित) एवं डीएपी का आवंटन 1.94 लाख मी. टन (0.20 लाख मी. टन स्वदेशी एवं 1.74 लाख मी. टन आयातित) दिया गया है। माह नवम्बर 2022 के लिए 4.15 लाख मी. टन आयातित यूरिया का आवंटन दिया गया है, जिसके विरूद्ध केन्द्र सरकार द्वारा 60 हजार मी. टन का आवंटन दिया गया है। दिनांक 5 नवम्बर 2022 की स्थिति में यूरिया 1.20 लाख मी. टन ट्रांजिट सहित, डीएपी 0.83 लाख मी. टन ट्रांजिट सहित एवं एनपीके ट्रांजिट सहित 0.34 लाख मी. टन प्राप्त है। दिनांक 4 नवम्बर 2022 की स्थिति में यूरिया का स्टॉक 2. 23 लाख मी. टन, डीएपी का स्टॉक 1.52 लाख मी. टन एवं एनपीके का स्टॉक 1.14 लाख मी. टन है।
बताया गया कि गत वर्ष 30 नवम्बर, 2021 तक विक्रय मात्रा के अनुसार अनुमान के आधार पर दिनांक 4 नवम्बर 2022 तक यूरिया 32 जिलों में, डीएपी 41 जिलों में, एनपीके 34 जिलों में और डीपएपी +एनपीके का 42 जिलों में भण्डारण कर लिया गया है। विपणन संघ ने माह नवम्बर के लिए 175 यूरिया के रेक और 78 रेक डीएपी की माँग की है, जिसके विरूद्ध एक नवम्बर से 4 नवम्बर 2022 तक 23 यूरिया की रेक और 15 डीएपी की रेक ट्रांजिट सहित मिल चुकी है। विपणन संघ के 240 डबल लॉक केंद्र से नगद वितरण प्रारंभ हो चुका है। भीड़ वाले डबल केंद्रों पर अतिरिक्त केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। कुल 90 केंद्रों से विक्रय प्रारंभ है, शेष विक्रय केंद्र अगले दो दिन में 7 नवम्बर तक प्रारंभ हो जाएंगे।
बताया गया कि प्रदेश में मार्केटिंग समितियों के 105 विक्रय केंद्र प्रारंभ हैं। विपणन संघ के डबल लॉक केंद्रों से एक अक्टूबर से अभी तक 68 हजार मी. टन यूरिया और 61 हजार मी. टन डीएपी को बेचा जा चुका है। माह अक्टूबर-2022 का यूरिया का आवंटन 6 लाख मी. टन है, जिसके विरूद्ध 3.64 लाख मी. टन यूरिया ट्रांजिट सहित प्राप्त हुआ है और 2.36 लाख मी. टन शीघ्र प्राप्त होगा। डीएपी का अक्टूबर 2022 के लिए आवंटन 4 लाख लाख मी. टन है, जिसके विरूद्ध 2.65 लाख मी. टन ट्रांजिट सहित प्राप्त हुआ है। अक्टूबर, 2022 के कोटे की शेष यूरिया की मात्रा 2.36 लाख मी. टन और डीएपी की शेष मात्रा 1.35 लाख मी. टन मिलाकर माह नवम्बर 2022 के लिए यूरिया का आवंटन 9.36 लाख मी. टन, डीएपी 3.29 लाख मी. टन का संशोधित आवंटन आदेश माह नवम्बर 2022 के लिए जारी करने की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही एडवांस प्लानिंग में माह दिसम्बर के लिए यूरिया की माँग 5 लाख मी. टन, डीएपी 1.25 लाख मी. टन, एनपीके 0.30 लाख मी. टन का अनुमान लगाया गया है। इसकी व्यवस्था के लिए भी प्रयास अभी से किए जा रहे हैं।