China Protest: राजधानी बीजिंग, शंघाई समेत प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की सख्ती को धता बताते हुए डेटिग एप व टेलीग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया को विरोध प्रदर्शनों का मंच बना लिया है।
China Protest: चीन में इन दिनों कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कई शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ अभूतपूर्व प्रदर्शनों से घबराई सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। इस क्रम में विश्वविद्यालयों के छात्रों को घर भेज दिया गया। प्रदर्शन में शामिल लोगों की तलाश तेज कर दी गई है। राजधानी बीजिंग, शंघाई समेत प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की सख्ती को धता बताते हुए डेटिग एप व टेलीग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया को विरोध प्रदर्शनों का मंच बना लिया है। बीजिंग के चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है। सप्ताहांत के प्रदर्शनों में शामिल रहे दो लोगों ने बताया कि बीजिग पुलिस ने उन्हें रविवार की गतिविधियों के ब्योरे के साथ तलब किया है।
डरकर कर रहे चैट हिस्ट्री साफ
एक छात्र ने बताया कि कालेज ने उन छात्रों से स्पष्टीकरण मांगा है, जो प्रदर्शन वाले इलाकों के आसपास गए थे। प्रदर्शन के साक्षी रहे एक व्यक्ति ने कहा, “हम तेजी के साथ अपनी चैट हिस्ट्री डिलीट कर रहे हैं। शहर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। एक पुलिसकर्मी ने मेरी दोस्त से परिचय पत्र मांगा और पता नहीं क्यों उसे अपने साथ ले गया।” लोगों को इस बात से गुस्सा है कि लगभग तीन वर्षों से जीरो कोविड पालिसी के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और संक्रमण थम भी नहीं रहा है। एपी के अनुसार, दक्षिणी प्रांत ग्वांगडोंग स्थित सिघुआ विश्वविद्यालय ने रविवार के प्रदर्शन के बाद छात्रों को घर भेज दिया। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिग भी इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। कुछ विश्वविद्यालयों ने छात्रों को स्टेशन तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि कक्षाएं व परीक्षाएं आनलाइन होंगी।
पिछले हफ्ते उरुमकी में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। लोगों ने आरोप लगाया था कि इस अग्निकांड में घिरे लोगों की कोविड प्रतिबंधों के कारण जान चली गई। इसके बाद पूरे चीन में लोगों का गुस्सा भड़क उठा। लोगों ने सड़कों पर उतरकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी व राष्ट्रपति चिनफिग गद्दी छोड़े के नारे लगाए। सरकार जीरो कोविड नीति पर कायम रहने की बात दोहराती है। मंगलवार को चीन में कोरोना के 38,645 मामले सामने आए, जो सोमवार के मुकाबले करीब दो हजार कम थे। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण एवं निवारण प्रशासन के अधिकारी चेंग योक्यान ने कहा कि लोगों का आक्रोश कोविड प्रतिबंधों के सख्त कार्यान्यवन को लेकर है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों के टीकाकरण में तेजी लाने का एलान किया है।
China Protest: चीन में इन दिनों कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कई शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ अभूतपूर्व प्रदर्शनों से घबराई सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। इस क्रम में विश्वविद्यालयों के छात्रों को घर भेज दिया गया। प्रदर्शन में शामिल लोगों की तलाश तेज कर दी गई है। राजधानी बीजिंग, शंघाई समेत प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की सख्ती को धता बताते हुए डेटिग एप व टेलीग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया को विरोध प्रदर्शनों का मंच बना लिया है। बीजिंग के चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है। सप्ताहांत के प्रदर्शनों में शामिल रहे दो लोगों ने बताया कि बीजिग पुलिस ने उन्हें रविवार की गतिविधियों के ब्योरे के साथ तलब किया है।
डरकर कर रहे चैट हिस्ट्री साफ
एक छात्र ने बताया कि कालेज ने उन छात्रों से स्पष्टीकरण मांगा है, जो प्रदर्शन वाले इलाकों के आसपास गए थे। प्रदर्शन के साक्षी रहे एक व्यक्ति ने कहा, “हम तेजी के साथ अपनी चैट हिस्ट्री डिलीट कर रहे हैं। शहर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। एक पुलिसकर्मी ने मेरी दोस्त से परिचय पत्र मांगा और पता नहीं क्यों उसे अपने साथ ले गया।” लोगों को इस बात से गुस्सा है कि लगभग तीन वर्षों से जीरो कोविड पालिसी के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और संक्रमण थम भी नहीं रहा है। एपी के अनुसार, दक्षिणी प्रांत ग्वांगडोंग स्थित सिघुआ विश्वविद्यालय ने रविवार के प्रदर्शन के बाद छात्रों को घर भेज दिया। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिग भी इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। कुछ विश्वविद्यालयों ने छात्रों को स्टेशन तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि कक्षाएं व परीक्षाएं आनलाइन होंगी।
पिछले हफ्ते उरुमकी में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। लोगों ने आरोप लगाया था कि इस अग्निकांड में घिरे लोगों की कोविड प्रतिबंधों के कारण जान चली गई। इसके बाद पूरे चीन में लोगों का गुस्सा भड़क उठा। लोगों ने सड़कों पर उतरकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी व राष्ट्रपति चिनफिग गद्दी छोड़े के नारे लगाए। सरकार जीरो कोविड नीति पर कायम रहने की बात दोहराती है। मंगलवार को चीन में कोरोना के 38,645 मामले सामने आए, जो सोमवार के मुकाबले करीब दो हजार कम थे। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण एवं निवारण प्रशासन के अधिकारी चेंग योक्यान ने कहा कि लोगों का आक्रोश कोविड प्रतिबंधों के सख्त कार्यान्यवन को लेकर है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों के टीकाकरण में तेजी लाने का एलान किया है।