पाकिस्तान में सियासी संकट लगातार बना हुआ है। अनुमान है कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के महीने के अंत में इस्तीफे के साथ यह समस्या हल हो सकती है। हालांकि अभी भी बहुत सारे सवाल हैं।
पाकिस्तान में सियासी संकट लगातार बना हुआ है। अनुमान है कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के महीने के अंत में इस्तीफे के साथ यह समस्या हल हो सकती है। हालांकि अभी भी बहुत सारे सवाल हैं। मसलन, बाजवा का उत्तराधिकारी कौन होगा, उसकी नियुक्ति कैसे होगी और उनके व इमरान के बीच रिश्ते कैसे रहेंगे, इन तमाम बातों पर पाकिस्तानी सियासत का भविष्य निर्भर करेगा। खुद के ऊपर जानलेवा हमले के बाद इमरान खान ने एक बार फिर लांग मार्च शुरू कर दिया है, जिसमें वह तुरंत चुनाव की मांग कर रहे हैं। हालांकि अभी भी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के हाथ में कुछ अहम कार्ड हैं। लेकिन पाकिस्तान में राजनीतिक शांति के लिए जरूरी है बाजवा और इमरान के बीच सुलह। इन सबके बीच नजर उन चार अनुमानित सिनैरियो पर जो आने वाले दिनों में पाकिस्तान में बन सकते हैं।
1. बाजवा तय डेट पर इस्तीफा दें और उनका उत्तराधिकारी नियुक्त हो
सभी संकेतों के आधार पर यही सिनैरियो बनने के आसार सबसे ज्यादा हैं। बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं और वह पहले भी कई बार का चुके हैं वह अपनी पारी आगे बढ़ने के कतई इच्छुक नहीं हैं। हालांकि अभी तक उनके उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं हुई है जो अपने आप में बेहद चौंकाने वाला है। इसके पीछे भी वर्तमान राजनीतिक हालात को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। वहीं, अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि अगर कभी चुनाव हुए और इमरान सत्ता में वापस आए तो वह बाजवा के उत्तराधिकारी के साथ क्या सुलूक करेंगे यह भी देखने वाली बात होगी।
2. बाजवा इस्तीफा न दें और दूसरी पारी खेलें
दूसरा हालात यह बन सकता है कि जनरल बाजवा इस्तीफा ही न दें और दूसरी पारी खेलें। हालांकि अनुमान हैं कि वह ऐसा नहीं करेंगे। इमरान खान भी एक हालिया प्रेस कांफ्रेंस में इसे एक बड़ा सवाल बता चुके हैं। हालांकि बाजवा का अपने पद रहना या न रहना कई अन्य मामलों पर भी निर्भर करता है। इस बीच एक हैरान करने वाली बात यह आई है इमरान ने अपने ऊपर हमलों के जिम्मेदार के तौर पर तमाम लोगों का नाम लिया, लेकिन बाजवा का नहीं। अनुमान है कि ऐसा करके वह भविष्य में वह बाजवा से अपने रिश्ते कायम रखना चाहते हैं।
3. इमरान खान चुनाव लड़ें और जीत जाएं
पाकिस्तान में तीसरा सिनैरियो यह बन रहा है कि शाहबाज शरीफ पीएम की पोस्ट से इस्तीफा दे दें। इसके बाद अंतरिम सरकार बने जो चुनाव कराए। बाजवा चुनाव होने तक अपने पद पर बने रहें और इमरान खान की जीत के बाद आर्मी चीफ का पद छोड़ दें।
4. लांग मार्च कामयाब न हो, इमरान की मंशा अधूरी रह जाए
इस बीच यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ विदेशी ताकतें नहीं चाहतीं कि इमरान खान अपने सियासी मकसद में कामयाब हों। इन ताकतों में सऊदी अरब, यूएई, चीन और अमेरिका का नाम है। बताया जाता है कि यह सभी चाहते हैं कि लांग मार्च जिस मकसद से शुरू किया गया था वह कामयाब न हो। हालांकि इससे पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता का अंत हो जाएगा यह कहना मुश्किल है।