ईरान में आंदोलन को कुचलने के बहुत प्रयास हो रहे हैं लेकिन महिलाओं की आवाज सुनने को सरकार तैयार नहीं है। अब आंदोलन लगातार गंभीर हो रहा है। स्कूल की लड़कियां भी हिजाब के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं।
ईरान में 22 वर्षीय युवती की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद खड़ा हुआ हिजाब विरोधी आंदोलन लगातार वहां की इस्लामिक सत्ता के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ना केवल ईरान में बल्कि दुनिया के कई देशों में इस आंदोलन की आंच पहुंच चुकी है। वहीं ईरान अमेरिका, यूके जैसे देशों पर साजिश का आरोप लगा रहा है। अब इस आंदोलन में स्कूल की लड़कियां भी शामिल हो गई हैं और ईरान के सुरक्षाबलों के आगे डटकर खड़ी हैं।
आंदोलन को चार सप्ताह हो गए हैं। आंदोलन को कुचलने के हर प्रयास ईरान की सरकार कर रही है लेकिन महिलाओं को मनाने औऱ उनके प्रति नर्म होने का प्रयास बिल्कुल नहीं किया जा रहा है। अब हाल यह है कि लोग खुद से ही अपने घरों से निकलकर आवाज बुलंद कर रहे हैं और तानाशाही कानून से मुक्ति की मांग कर रहे हैं।
आजादी के लिए इस आंदोलन में स्कूल की लड़कियां भी पीछे नहीं हैं। कराजा इलाके के एक वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल की लड़कियां जोर-जोर से ‘तानाशाह मुर्दाबाद’ के नारे लगा रही हैं। वहीं कुछ लड़कियां स्कूल के प्रिंसिपल को दौड़ा रही थीं। एक दूसरे वीडियो में कराजा के पास ही गोहारदस्त इलाके में महिलाएं नारेबाजी करती हुई दिखती हैं। लड़कियों सबके सामने हिजाब उतारकर प्रदर्शन कर रही हैं।
बता दें कि जब से यह आंदोलन शुरू हुआ है कम से कम 92 लोगों की जान जा चुकी है। प्रशासन लगातार आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहा है। वह इसे विदेशी साजिश बता रहा है ताकि मूल मुद्दे से लोगों को और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भटकाया जा सके। ईरान के विदेश मंत्री ने यूएन में जाकर कहा था कि ये छोटी बात है। इसके बाद कनाडा समेत कई देशों ने ईरान पर प्रतिबंधों की भी घोषणा कर दी है।